बीसलपुर –पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) की कटरुआ के खिलाफ चलाई जा रही छापामार कार्रवाई बंद कर दी गई, जिससे कटरुआ धड़ल्ले से बिक्री किया जा रहा है। टाइगर रिजर्व प्रशासन की लापरवाही झलक रही है।बरसात शुरू होते ही जंगल में साल के पेड़ों की जड़ों में कटरुआ मिलने लगता है। कटरुआ की सब्जी सबसे ज्यादा स्वादिष्ट होती है। जंगल किनारे गांवों के लोग वन कर्मचारियों की मिलीभगत से कटरुआ बीनने के लिए चले जाते हैं। सूत्रों की माने तो वन कर्मचारी प्रति किलो के हिसाब से सुविधा शुल्क लेते हैं, क्योंकि कटरुआ का प्रति किलो भाव काफी अधिक रहता है।
कटरुआ बीनने और बिक्री करने वालों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। इससे कटरुआ बेचने वालों के हौंसले कम नहीं हुए। अब बारह पत्थर की बजाय नगर के मठिया नाथ चौराहा पर कटरुआ की बाजार सज गई है। कई दर्जन दुकानदार कटरुआ और धरती के फूल बिक्री कर रहे हैं। स्पष्ट होता है कि जंगल के अंदर कटरुआ बीनने के लिए लोगों का जाना अनवरत जारी है। इस पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। इस संबंध में बीसलपुर रेंजर वजीर हसन ने बताया कि पता नहीं यह लोग कटरुआ कहां से ला रहे हैं हमारे यहां तो पाया नहीं जाता है और इसे बेचने पर कोई भी पाबंदी नहीं है
रिपोर्टर। अनुभव सिंह