साल की शुरूआत होते ही लोगों को फरवरी महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है। क्योंकि फरवरी प्यार का महीना है। इस महीने कई दिल टूटते हैं तो कई दिल जुड़ते हैं। फरवरी की सेकेंड वीक प्यार की वीक कई जाती है। वीक के सब दिन कोई न कोई डे होता है। आज रोज डे है और इसी दिन से वैलेंटाइन वीक की शुरुआत होती है। गुलाब को प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
लेकिन गुलाब देने से ही प्यार नहीं हो जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर प्यार होता कैसे है? प्रेम की अलग-अलग परिभाषाएं है। कई लोगों का मानना है कि प्रेम पाना नहीं देना है। खुशी देना, सम्मान देना और समानता देना। प्रेम का अर्थ है केयर करना। अगर आप सच्चे अर्थों में किसी से प्रेम करते हैं तो उसे खुशी देते हैं, सम्मान और समानता देते हैं। सही अर्थों में कहा जाए तो प्रेम मनुष्य के भीतर की एक सक्रिय शक्ति है। यह शक्ति ही हमारी भावनाओं को दूसरे से जोड़ती है।
प्रेम का अर्थ है केयर करना। अगर आप सच्चे अर्थों में किसी से प्रेम करते हैं तो उसे खुशी देते हैं, सम्मान और समानता देते हैं।
अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो उसे गुलाब तो दीजिए ही साथ ही में सम्मान और समानता भी दीजिए। उसका ख्याल रखिए। उसकी भावनाओं का ख्याल रखिए।