अब आगरा के इस घाट पर गूंजेगा हर हर गंगे

आगरा

पूर्णिमा, दशहरा और विशेष धार्मिक अवसरों पर अब गंगा स्नान के लिए सोरों, कासगंज या फिर अन्य स्थल पर जाने की जरूरत नहीं है। कैलाश घाट, आगरा में गंगास्नान कर सकते हैं। यहां जल्द ही पक्का घाट बनाया जाएगा। भविष्य में इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

Agra शहर की पेयजल समस्या को दूर करने के लिए पालड़ा फाल बुलंदशहर से कैलाश घाट Agra तक 130 KM लंबी पाइप लाइन बिछाई गई है। कैलाश घाट से एक Line सिकंदरा प्लांट और दूसरी जीवनी मंडी वाटरवक्र्स तक बिछी है। सिर्फ वाटरवक्र्स से लाइन को जोडऩा बाकी रह गया है। वर्तमान में बुलंदशहर से हर दिन 375 MLD गंगाजल मिल रहा है। इसमें से सिकंदरा प्लांट से 144 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति हो रही है।

बाकी 231 एमएलडी गंगाजल कैलाश घाट के समीप यमुना में छोड़ा जा रहा है। ढाई माह में जीवनी मंडी वाटरवक्र्स से गंगाजल की आपूर्ति चालू हो जाएगी। हर दिन दो सौ एमएलडी गंगाजल पुराने शहर को मिलेगा। यानी हर दिन 354 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति होगी। इसके बाद भी 21 एमएलडी गंगाजल यमुना में छोड़ा जाएगा। इसी गंगाजल का प्रयोग स्नान में किया जाएगा। इसके लिए कैलाश घाट के सामने पक्का घाट बनेगा।

  • कैलाश घाट के पास फव्वारा लगाया जाएगा। इससे आसानी से लोग गंगा स्नान कर सकेंगे। स्नान के बाद का पानी सीधे यमुना में जाएगा।
  • 2005 में जल निगम ने गंगाजल प्रोजेक्ट का प्रस्ताव तैयार किया था।
  • 387 करोड़ रुपये की योजना थी शुरुआत में।
  • 85 फीसद धनराशि जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी और 15 फीसद राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई।
  • 2014 दिसंबर में पाइप लाइन के टेंडर हुए और काम चालू हुआ।
  • 2014 में प्रोजेक्ट की लागत 2887.92 करोड़ रुपये पहुंच गई।
  • 01 किमी के अंतराल में एक चिमनी बनी हुई है।
  • 2018 में पाइप लाइन की टेस्टिंग शुरू हुई। दिसंबर के दूसरे सप्ताह में गंगाजल सिकंदरा वाटरवक्र्स तक पहुंचा। जहां इसकी टेस्टिंग शुरू हुई।
  • 06 जनवरी 2019 को पहली बार 144 में 71 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति हुई थी।

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