श्रावण मास की पूर्णिमा को भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन 15 अगस्त दिन गुरुवार यानि स्वत्रंता दिवस को है। रक्षाबंधन का त्योहार गुरुवार को होने से इसका महत्व और बढ़ गया है। इस दिन भद्रा नहीं है और न ही किसी प्रकार का कोई ग्रहण है। इस वजह से इस वर्ष का रक्षाबंधन शुभ संयोग लिए है और सौभाग्यशाली भी है।
शास्त्रों में कहा गया है कि भद्रा में बहनें भाइयों को राखी नहीं बांधती हैं। रावण की बहन ने भद्रा में उसे रक्षा सूत्र बांधा था, जिससे रावण का सर्वनाश हो गया था। इस बार राखी बांधने का मुहूर्त काफी अच्छा है, बहनें सूर्यास्त से पूर्व तक भाइयों को राखी बांध सकती हैं।
रक्षाबंधन का मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 14 अगस्त को 15:45 बजे से हो रहा है। इसका समापन 15 अगस्त को 17:58 पर हो रहा है। ऐसे में बहनें भाइयों को 15 अगस्त के सूर्योदय से शाम के 5:58 तक राखी बांध सकेंगी।
राखी बांधने के साथ-साथ मनन करें ये मंत्रः
‘येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः
तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः‘
राखी बांधने के बाद बहनें भाई से जीवनपर्यंत रक्षा का वचन लेती हैं। वहीं भाई रक्षा के वचन के साथ प्रेम, उपहार आदि भी देते हैं।