उरई के एट थाना क्षेत्र हाजीपुर मजरा तलाघाट पर बेतवा नदी के बीच टीले पर मंदिर है। सोमवार शाम पिरौना गांव के 19 ग्रामीण नाव से नदी के बीच मंदिर में रामचरित मानस का पाठ करने गए थे, उस समय जलस्तर कम था। देर रात राजघाट और माताटीला बांध से पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर अचानक बढऩे लगा।
ग्रामीणों को लगा कि सुबह तक पानी कम हो जाएगा और वो पाठ करने में तल्लीन रहे। मंगलवार सुबह तक पानी कम न होने और बहाव काफी तेज होने से टीला के डूब जाने की आशंका से ग्रामीणों में चीख पुकार मच गई। सूचना पर आई Police और PAC उन्हें निकालने में नाकाम रही तो Lucknow से NDRF की टीम बुलाई गई। करीब 36 घंटे बाद सभी ग्रामीण सुरक्षित बाहर निकल सके।
उन्होंने मोबाइल की मदद से परिवारीजनों को सूचना दी। आसपास के गांवों में जब टीले पर ग्रामीणों की जानकारी पहुंची तो दहशत फैल गई। ग्रामीणों की भीड़ नदी किनारे पहुंच गई और कुछ देर में एट थाना प्रभारी अरुण तिवारी Force के साथ पहुंच गए लेकिन तेज बहाव के कारण बचाव कार्य नहीं हो पाया।
उन्होंने SP डॉ. सतीश कुमार और जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर को जानकारी दी। कोंच SDM अशोक कुमार और CO शीशराम भी आए। इसके बाद PAC स्टीमर लेकर पहुंची लेकिन पानी का तेज बहाव के चलते बचाव की कोशिश नाकाम साबित हुई। अधिकारियों ने Lucknow से NDRF का दस्ता बुलाया गया।