प्याज सब्जी से लेकर सलाद का अनिवार्य अंग। अमूमन लोगों की जेब की पहुंच में रहने वाले प्याज के भाव बढ़ गए। 2 सप्ताह पहले तक महज 25 से 30 रुपये किलो में मिलने वाला प्याज खुदरा बाजार में 60 से 70 रुपये तक पहुंच गया है। महंगा प्याज रसोई का बजट बिगाड़ने लगा है। व्यापारी कीमतों में इस वृद्धि का कारण महाराष्ट्र, राजस्थान में आई बाढ़ के कारण वहां से मांग के अनुसार आवक न होने को मान रहे हैं।
डेलापीर मंडी के व्यापारियों का कहना है कि इस बार पहले ही प्याज की पैदावार कम हुई है। इस कारण मंडी में भी प्याज की आवक कम रही थी। दूसरी तरफ Maharashtra और Rajasthan में भी भारी बारिश के चलते वहां से प्याज क्षेत्रीय मंडियों तक नहीं पहुंच सका।
रिंपी आनंद गृहणी कहती हैं प्याज के बिना कोई सब्जी स्वादिष्ट सब्जी नहीं बनती। घर में एक माह में कम से कम 20 किलो तक प्याज की खपत होती है। अब महंगा होने के कारण 10 किलो ही खरीद रहे हैं। बस सब्जी का तड़का ही लग पा रहा है।
कोहाड़ापीर की सुरेंद्र कौर भी गृहणी हैं। कहती हैं अच्छी सब्जी बनाने के लिए प्याज लेना ही पड़ता है। इसके दाम बढ़ने से अन्य सब्जियों में कटौती करनी पड़ रही है। सलाद में और अन्य व्यंजनों में प्याज की कमी कर रहे हैं।