अपने संकल्प को पूरा करते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आखिरकार गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। वह महाराष्ट्र के 18वें मुख्यमंत्री हैं। उनके साथ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के 2-2 मंत्रियों ने भी शपथ ली। खास बात यह रही कि न्योते के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समारोह में नहीं पहुंचे।
शपथ ग्रहण से 2 घंटे पहले तीनों पार्टियों ने सरकार का न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी किया। इसमें किसानों के लिए संपूर्ण कर्ज माफी, नौकरियों में स्थानीय लोगों को 80 फीसद प्राथमिकता और सेक्युलर मूल्यों पर दृढ़ रहने का वादा किया गया है।
1995 का इतिहास दोहराते हुए दादर स्थित शिवाजी पार्क में आयोजित भव्य समारोह में राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने से पहले उद्धव ने जहां मंच पर रखी छत्रपति शिवाजी महाराज की सिंहासनारूढ़ प्रतिमा को प्रणाम किया, वहीं शपथ लेने के बाद जमीन से मत्था टेकते हुए जनता-जनार्दन को भी प्रणाम किया।
इस शपथ ग्रहण समारोह का मंच उनके पिता शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे के स्मृतिस्थल से चंद कदमों की दूरी पर बनाया गया था। 2013 में बालासाहब ठाकरे के निधन के बाद इसी शिवाजी पार्क में उनकी अंत्येष्टि की गई थी। इसी शिवाजी पार्क में बालासाहब ठाकरे हर साल दशहरा के दिन शिवसैनिकों की विशाल सभा को संबोधित करते आए थे।
यही नहीं, 1995 में पहली बार बनी शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार ने भी इसी शिवाजी पार्क में शपथ ली थी। तब CM के रूप में शिवसेना के मनोहर जोशी एवं उपमुख्यमंत्री के रूप में भाजपा के गोपीनाथ मुंडे को शपथ दिलाई गई थी।