नसबंदी फेल हुई तो मिलेगा दोगुना मुआवजा

बलिया

बलिया परिवार नियोजन इन्डैमिनिटी योजना (एफ0पी0आई0एस0) के तहत नसबन्दी के कारण उत्पन्न हुई जटिलता, असफलता व मृत्यु के मामलों में दी जाने वाली मुआवजा राशि अब दोगुनी कर दी गई है। यह मुआवजा राशि सरकार की तरफ से प्रदान की जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ प्रीतम कुमार मिश्र ने दी। उन्होने बताया – अप्रैल 2019 के बाद से नसबंदी के असफल मामलों को इसमें शामिल किया जायेगा। यदि नसबंदी फेल हुई तो 60 हजार रूपये का मुआवजा मिलेगा।
एफ०पी०आई०एस० के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा व एएनएम झुग्गी-झोपड़ी आदि क्षेत्रों में जाकर पुरूषों और महिलाओं को परिवार नियोजन के लिये नसबन्दी कराने को प्रेरित करती हैं। नसबन्दी करवाने वाले पुरूषों को तीन हजार रूपये और महिलाओं को दो हजार रूपये की प्रतिपूर्ति राशि दी जाती है। वहीं नसबंदी असफल होने पर दंपत्ति को योजना के तहत 30 हजार रूपये का मुआवजा दिया जाता है।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी के पत्र का हवाला देते हुए बताया कि सरकार ने अब इस राशि को बढ़ाकर 60 हजार रूपये कर दी है। इसमें 60 प्रतिशत अंश केन्द्र सरकार का और 40 प्रतिशत अंश राज्य सरकार वहन करेगा। उन्होने बताया कि स्वास्थ्य इकाइयों में दीवार पर पेंटिंग करवा कर योजना के बारे में लाभार्थियों को जागरूक किया जायेगा।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी/ परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि नसबंदी के बाद अस्पताल या घर में सात दिन के अंदर मौत होने पर आश्रितों को दो लाख रुपये मिलते थे जिसको नए निर्देशानुसार चार लाख रुपये कर दिया गया है।
पिछले वित्तीय वर्ष में 799 महिला और 3 पुरुषों की नसबंदी की गई। जबकि इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर माह तक 796 महिला और एक पुरुष नसबंदी की गई।

रिपोर्ट – जितेंद्र यादव
BBC खबर ( ब्यूरो चीफ बलिया)

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