देश में दूध के बढ़ते दामों से चिंतित केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने दूध के उत्पादन, उपलब्धता और बढ़ती कीमतों के आकलन के लिए 3 जनवरी को सभी प्रमुख निजी और सहकारी क्षेत्र की डेयरियों की एक बैठक बुलाई है। प्याज के मामले में किरकिरी होने के बाद सरकार दूध के मामले में सतर्क होकर उचित कदम उठाना चाहती है। पिछले दिनों सहकारी क्षेत्र की डेयरियों ने दूध के दाम 3 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दिए।
यह पिछले 7 महीनों के भीतर दूध की कीमतों में यह दूसरी बढ़ोतरी है।राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार नवंबर में उपभोक्ता खाद्य महंगाई दर 10 प्रतिशत पर पहुंच गई जो पिछले 6 वर्षों का सबसे उच्चतम स्तर है।
इसका मूल कारण खाद्य पदार्थों विशेषकर सब्जियों, दूध आदि की महंगाई दर बढ़ना है। उल्लेखनीय है कि भारत 18.5 करोड़ टन वार्षिक दूध उत्पादन के साथ विश्व में प्रथम स्थान पर है। हम दूध के मामले में आत्मनिर्भर ही नहीं, दुग्ध उत्पादों को अन्य देशों के बाजारों में निर्यात करने की स्थिति में भी हैं।
यदि दूध समेत पशुपालन से होने वाली संपूर्ण आमदनी का आकलन करें तो 28 लाख करोड़ रुपये की कृषि GDP में दूध और पशुपालन क्षेत्र की हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत है।