शाहीन बाग में प्रदर्शन का मुद्दा फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली

 देश की राजधानी में भी कोरोना संक्रमित कई मामलों के सामने आने के बाद भी दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में तीन महीने से लगातार जारी प्रदर्शन का मुद्दा एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है। कोर्ट में जनहित याचिका (Public interest litigation) दायर कर कोरोना वायरस के मद्देनजर प्रदर्शन के दौरान जुट रही भीड़ को देखते हुए तत्काल दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।

यहां पर बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार के मुखिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ के जुटने पर रोक लगा दी है।

बावजूद इसके शाहीन बाग में जुटे प्रदर्शनकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। यह अलग बात है कि यहां पर कोरोना वायरस के खौफ के चलते कुछ भीड़ कम हुई है, लेकिन स्थिति में खास बदलाव नहीं आया है।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ 15 दिसंबर, 2019 से शाहीन बाग में सड़क पर रात-दिन प्रदर्शन जारी है।

इस बीच कई बार प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर मामले के समाधान की कोशिश की गई, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हैं। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी के बच्चे तक की मौत हो चुकी, जिसका मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। बच्चे की मौत मामले में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों की जमकर खिंचाई की थी।

यहां पर बता दें कि दिल्ली में अब तक कोरोना वायरस के 7 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें एक बुजुर्ग महिला की मौत हो चुकी है। वहीं, ज्यादातर संक्रमित लोग ठीक हो रहे हैं। वहीं, दिल्ली सरकार ने कोरोना के चलते स्कूल, सिनेमा हॉल, जिम, स्पा के अलावा स्वीमिंग पूल भी बंद करने के आदेश दिए हैं। स्कूलों को खासतौर से 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है।

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