बरेली

अब भेड़-बकरी का भी होगा आधार नंबर, जाने खास खबर

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हमारे और आपकी तरह अब भेड़-बकरी का भी आधार नंबर होगा। दस डिजिट का आधार भेड़ और बकरी को अलग पहचान देगा। भेड़-बकरी अपने आधार नंबर का छल्ला कान में पहनेंगी।

नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम में भेड़ और बकरी को शामिल किया गया है। इसी महीने पशुपालन विभाग भेड़-बकरियों की ईयर टैगिंग शुरू कर देगा।

एनएडीसीपी में पहले भेड़ और बकरी को शामिल नहीं किया गया था। सिर्फ गोवंश और महीष वंशीय पशुओं को ही एनएडीसीपी के तहत इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई जा रहीं थीं।

गोवंश और महीष वंशीय पशुओं को आधार नंबर देने की मुहिम अंतिम चरण में हैं। केंद्र सरकार ने एनएडीसीपी में भेड़ और बकरी को भी शामिल कर पशुपालकों को राहत दी है। एक-एक भेड़ और बकरी का रिकार्ड एनएडीसीपी के पोर्टल पर दर्ज रहेगा।

भेड़-बकरी के उम्र और पालने वाले नाम और पता भी ऑनलाइन रहेगा। भेड़-बकरी को 10 डिजिट का आधार नंबर का छल्ला कान में पहनाया जाएगा। भेड़-बकरियों का बीमा की सुविधा मिल सकेगी।

एनएडीसीपी के तहत गोवंश और महीष वंश की तरह भेड़-बकरी को खुरपका-मुंहपका के टीके लगाए जाएंगे। बरसात से पहले भेड़-बकरी के खुरपका-मुंहपका के टीके लगाने की मुहिम चलाई जाएगी। जल्द ही वैक्सीन सभी जिलों में पहुंचने का दावा पशुपालन विभाग ने किया है। बरेली में 160636 भेड़ और बकरी हैं।

इनमें बकरी 130539 और भेड़ों की संख्या 30097 है। इनके कान में डालने के लिए छल्ला आपूर्ति की जिम्मेदारी नोएडा की कंपनी को सरकार ने दी है। ब्लॉक के पशु अस्पताल में ग्राम वार भेड़ और बकरी का रजिस्टर बनाया जाएगा। ईयर टैगिंग के बाद भेड़-बकरी के टीकाकरण का रिकार्ड रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।

11 सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मथुरा में नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम को लांच किया था। सरकार ने पहले चरण में गोवंश और महीष वंशीय को ही शामिल किया था। एलके वर्मा, सीवीओ बरेली कहते हैं कि सरकार ने एनएडीसीपी में भेड़-बकरी को शामिल किया है।

इनको 10 डिजिट का नंबर दिया जाएगा। इसी महीने ईयर टैगिंग शुरू हो जाएगी। इनका खुरपका-मुंहपका का वैक्सीनेशन भी होगा।

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