इस दिन से शुरु होगी चार धाम की यात्रा अभी से कर लें प्लानिंग

हिमालय में स्थित विश्र्व प्रसिद्ध चारधाम की यात्रा 7 मई से शुरु होगी जो लोगों के लिए बहुत ही मायने रखती है क्योंकि लोगों का मानना है कि इन चार धाम की यात्रा जीवन के सारे दुख, तकलीफ दूर कर मोक्ष की ओर ले जाता है।

यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खोले जाएंगे। जबकि 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल केदारनाथ धाम के कपाट 9 मई और भू-वैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट 10 मई को खोले जाएंगे। तो आप इसके अनुसार यहां जाने की प्लानिंग कर सकते हैं।

केदारखंड’ में कहा गया है कि भक्ति के बिना ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं। इसलिए यमुनोत्री के बाद ही गंगोत्री धाम की यात्रा करनी चाहिए, क्योंकि देवी गंगा ही ज्ञान की अधिष्ठात्री हैं। पौराणिक कथा है कि देवी गंगा ने राजा भगीरथ के पुरखों को पापों से तारने के लिए नदी का रूप धारण किया था। भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न हो गंगाजी धरती पर अवतरित हुईं, इसीलिए उनका भागीरथी नाम भी है।

उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 3102 मीटर (10176 फीट) की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री धाम में इन्हीं मां गंगा की पूजा होती है। स्वर्ग से उतरकर गंगाजी ने पहली बार गंगोत्री में ही धरती का स्पर्श किया। गंगाजी के मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में गोरखा सेनापति अमर सिंह थापा ने करवाया था। गंगाजी का वास्तविक उद्गम गंगोत्री से 19 किमी. की दूरी पर गोमुख में है, लेकिन श्रद्धालु गंगोत्री में ही गंगाजी के प्रथम दर्शन करते हैं।

 

 

 

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