चीन के शिनजियांग शहर में मुसलमानों की पहचान खत्म की की जा रही है। वहां रहने वालों मुसलमानों के खिलाफ कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। रमजान की शुरुआत होते ही मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में सरकारी अधिकारियों, छात्रों और बच्चों के रोजे रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीन की सरकारी वेबसाइट पर इस बारे में निर्देश जारी किया गया।
शिनजियांग प्रांत में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के कैडर इस प्रतिबंध को लागू करने में जुटे हैं। यहां तक कि चीन का सबसे प्रमुख दोस्त पाकिस्तान भी इस मुद्दे पर कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है। जबकि कुछ समय पहले व्यापारिक समझौते के लिए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने चीन की यात्रा की थी।
चीन का दावा है कि शिनजियांग ओइगर ऑटोनॉमस रीजन में सामाजिक स्थिरता बरकरार रखने के लिए ऐसा कर रहे हैं। हयूमन राइट्स वाच की इसी हफ्ते जारी की गई रिपोर्ट में इस बारे में दावा किया गया है। संयुक्त राष्ट्र की नस्ली भेदभाव उन्मूलन समिति ने उइगर मुस्लिमों के साथ किए जा रहे इस व्यवहार पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
एमनेस्टी और मानवाधिकार वाच समेत कई मानवधिकार संगठनों का दावा है कि शिविरों में जबरन चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की वफादारी की कसम दिलवाई जाती है। विश्व उइगर कांग्रेस का कहना है कि शिविरों में बिना आरोप बंदी बनाकर रखा जाता है और जबरन कम्युनिस्ट पार्टी के नारे लगाने को कहा जाता है। हालांकि चीन ने इन आरोपों से इनकार किया है।