ऐसे एक मौलवी से बना आतंक का सरगना…जानिए बगदादी की पूरी जीवनगाथा

बगदादी का काला चिट्ठा बताने से पहले आपको बताते हैं कि आखिर अभी बगदादी क्यों सुर्खियों में आ गया है। दरअसल बगदादी पांच साल बाद दुनिया के सामने आया है और एक वीडियो में बगदादी को देखा जा सकता है। इस वीडियो में उसने हाल ही में श्रीलंका में हुए सीरियल बम धमाकों को अंजाम देने वाले आतंकियों को बधाई दी है और सीरिया के अल-बगूज शहर में मिली हार पर बात कर रहा है।

बगदादी का जन्म साल 1971 में बगदाद के उत्तर में स्थित समारा के एक सुन्नी परिवार में हुआ था। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उसका परिवार धर्म के प्रति अपनी कट्टरता के लिए जाना जाता था। जब बगदादी कम उम्र का था तो उसे कुरान का जुनून था और वो धार्मिक कानून को लेकर ज्यादा सावधानी बरतता था। रिपोर्ट में बताया गया है कि बगदादी काफी पढ़ा लिखा है।

उसने साल 1996 में बगदाद विश्वविद्यालय से इस्लामिक अध्ययन में स्नातक और उसके बाद कुरान स्टडीज में मास्टर और पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। कहा जाता है कि अमेरिका के नेतृत्व में साल 2003 में इराक पर हुए हमले के दौरान वो इसी शहर की एक मस्जिद में मौलवी था और कहा जाता है कि सद्दाम हुसैन के शासनकाल से ही वो एक चरमपंथी जिहादी बन चुका था।

बाद में वो इराक में अल-कायदा के नेता के रूप में उभरा और साल 2004 में अमेरिका ने बगदादी को गिरफ्तार किया था। हालांकि उसके बाद से बगदादी रुका नहीं, बल्कि आतंक का सरगना बनकर उभरा। उसके बाद साल 2006 में अलकायदा की इराक शाखा को भंग कर इसे नया नाम इस्‍लामिक स्‍टेट इन इराक दिया गया। फिर वह एक गोपनीय आतंकी संगठन बनाकर आगे बढ़ा। बगदादी ने आईएसआई  को अप्रैल 2013 में नया नाम इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लीवैंट (आईएसआईएस) दिया था।

पहले चार साल तक सीरिया में बगदादी को कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली। हालांकि बाद में आईएसआईएस ने सीरिया और इराक के एक बड़े हिस्से पर अपना कब्जा जमा लिया था। इनमें इन दोनों देशों के कई बड़े शहर भी शामिल थे। ISIS के आतंकवादी इराक और सीरिया के कई अहम शहरों पर कब्जा करने के बाद अपनी सरकार भी चला रहे थे। कई शहरों को तबाह करने का श्रेय आईएसआईएस को जाता है। इसके अलावा दुनिया के अलग अलग देशों में हुए सैंकड़ों आतंकी हमलों की जिम्मेदारी भी आईएस ने ही ली है।

सितंबर 2014 में पहली बार हवाई हमले में बगदादी के मारे जाने की खबर आई थी, लेकिन वो अफवाह थी और उसके बाद 27 अप्रैल 2015 को फिर बगदादी की मौत की खबर आई, जो कि गलत निकली है। इसके बाद 2015, 2016, 2017 में बगदादी के मरने की अफवाह आती रही। हालांकि अब एक वीडियो सामने से पता चल रहा है कि आतंक का सरगना अभी भी जिंदा है।

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