भाजपा प्रत्याशी सनी देयोल पर उनके पैतृक गांव डांगों के सरपंच ने आरोप लगाए कि वे गांव कभी नहीं आए। गांव के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया, ऐसे में वे गुरदासपुर के लिए क्या करेंगे। इन आरोपों का सनी ने जवाब देते हुए कहा कि उनके लिए पहले देश है, फिर पंजाब। इन दोनों के विकास की बात करने आए हैं। गांव के बारे में बाद में बात करेंगे।
सरपंच अमृतपाल के साथ धर्मेंद्र के रिश्तेदार नंबरदार चरणजीत सिंह, सुखजीवन सिंह भी थे। सरपंच ने प्रेसवार्ता कर कहा कि धर्मेंद्र के पिता केवल सिंह साहनेवाल में पढ़ाते थे, इसलिए उनका परिवार बाद में साहनेवाल शिफ्ट हो गया। धर्मेंद्र का जन्म गांव डांगों में हुआ था। यहां उनकी दो एकड़ पुस्तैनी जमीन भी थी। मुंबई जाने के बाद उन्होंने कभी गांव का रुख नहीं किया। वे जिस मुकाम पर पहुंच चुके हैं, गांव के लिए बहुत कुछ कर सकते थे। 2016 में धर्मेंद्र गांव की अपनी दो एकड़ जमीन बेचने के लिए तहसील रायकोट आए, लेकिन गांव नहीं आए।
पठानकोट में बार एसोसिएशन का समर्थन हासिल करने पहुंचे सनी देयोल से वकीलों ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद अकसर राजनेता अपने और आम लोगों के बीच एक दीवार खड़ी कर देते हैं। आपसे आग्रह है कि आप ऐसी दीवार को न बनाएं, जवाब में सनी ने कहा कि वह ऐसी दीवारों को तोडऩा जानते हैं। यह सुनकर बार ने सनी का समर्थन करने का ऐलान किया। सनी ने अपनी दामिनी फिल्म का डायलॉग तारीख पर तारीख सुनाकर कहा कि वह सीधे इंसाफ करेंगे। वह ऐसे आदमी नहीं है कि जो बदल जाएंगे, उनकी आदत ऐसी भी नहीं है कि किसी से लड़ाई झगड़ा करें। वह राजनीति में काम करने आए हैं। उन्हें बात करने से ज्यादा काम करना आता है।