चीन को मित्र रूस ने दिया बड़ा झटका, लगाई रोक

चीन के उम्मीद के विपरीत रूस ने बीजिंग को दी जाने वाली S- 400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की आपूर्ति पर तत्काल रोक लगा दिया है। यह चीन के लिए बड़ा झटका है। इस मिसाइल को रोकने से पहले मास्को ने बीजिंग पर जासूसी करने का आरोप लगाया था।
रूसी अधिकारियों ने अपने सेंट पीटर्सबर्ग आर्कटिक सोशल साइंसेज अकादमी के अध्यक्ष वालेरी मिट्को को चीन को गोपनीय सामग्री सौंपने का दोषी पाया है। इस घटना को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है।
रूस की घोषणा के बाद चीन ने सफाई देते हुए कहा है कि मास्को इस तरह का निर्णय लेने के लिए मजबूर है, क्योंकि वह चिंतित है कि इस समय S-400 मिसाइलों का वितरण पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की महामारी विरोधी गतिविधियों को प्रभावित करेगा।
चीन ने आगे कहा कि रूस नहीं चाहता कि इससे बीजिंग को कोई परेशानी हो। चीन का कहना है कि कई कारणों से रूस को मिसाइल देने के निर्णय को स्थगित करना पड़ा है। बीजिंग का कहना है कि इस प्रकार के हथियारों की डील एक जलिट प्रक्रिया है।
इसके अलावा हथियारों को प्रयोग में लाने के लिए कर्मियों को प्रशिक्षण लेना पड़ता है। इसके लिए कर्मियों को रूस भेजना पड़ता, लेकिन कोरोना महामारी के दौर में यह काफी खतरनाक है|
रूस ने यह आपूर्ति तब रोकी है, जब चीन अपनी आक्रमकता के कारण कूटनीतिक मोर्चे पर कई देशों से एक साथ संघर्ष कर रहा है। पूर्वी लद्दाख में चीनी सेनाओं के खूनी संघर्ष के बाद भारत के साथ उसके तनावपूर्ण रिश्ते हैं।
हांगकांग और दक्षिण चीन सागर को लेकर वह अमेरिका व यूरोपीय देशों के साथ जापान, ऑस्टेलिया, वियतनाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया से उसके रिश्ते तल्ख हो गए हैं। ऐसे में रूस का S-400 मिसाइलों पर रोक लगाना चीन के लिए चिंता का विषय हो सकता है। रूस के इस कदम के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।