जानिए आखिर क्यो उतारा वीरता मेडल, पढ़े कुछ खास

मणिपुर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक थौनाओजम बृंदा ने ड्रग्स मामले में अदालत के आदेश के बाद अपना मुख्यमंत्री वीरता मेडल वापस कर दिया। इस ड्रग्स मामले में 7 लोगों के खिलाफ आरोप लगे थे।
पुलिस अधिकारी को ड्रग्स मामले में जांच के सिलसिले में यह मेडल दिया गया था। पुलिस अधिकारी ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को लिखी चिट्ठी में अदालत के आदेश को वजह बताया है।
अदालत ने ड्रग्स मामले में जांच को असंतोषजनक मानते हुए सभी आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया है।
बृंदा को मादक पदार्थों के खिलाफ राज्य सरकार की लड़ाई में अहम योगदान देने के लिए देशभक्त दिवस के अवसर पर 13 अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री पुलिस पदक से नवाजा गया था।
पुलिस अधिकारी ने राज्य सरकार के लिए पूरे सम्मान के साथ और एनडीपीएस अदालत के फैसले का पालन करते हुए मेडल वापस लौटाने की पेशकश की है।
लामफेल की एनडीपीएस कोर्ट ने एडीसी के अध्यक्ष लुखोशी जो और छह अन्य लोगों को सभी आरोपों से बरी कर दिया है, जिनका उस केस में नाम आया था, जिसमें भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त किया गया था।
ब़ृंदा ने कहा कि अदालत ने इस मामले में जांच और अभियोजन को असंतोषजनक माना है, इसलिए वह अपना पदक लौटा रही हैं।
बृंदा ने अपने पत्र में लिखा कि मुझे नैतिक रूप से यह महसूस हुआ है कि मैंने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली के इच्छानुसार अपनी ड्यूटी नहीं निभाई है।
इसलिए, मैं खुद को इस सम्मान के लायक नहीं समझती हूं और राज्य के गृह विभाग को मेडल लौटा रही हूं ताकि किसी अधिक योग्य और वफादार पुलिस अधिकारी को यह मेडल दिया जा सके।