बीबीसी खबर
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा तय समय पर खाद्य लाइसेंस जारी करने पर डीएम ने जमकर फटकार लगाई । साथ ही विभागीय अधिकारियों को साफ नियत और पारदर्शिता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए । कलेक्ट्रेट में आयोजित जिला स्तरीय बैठक में डीएम विजय विश्वास पंत ने विभाग की कार्यप्रणाली पर गहरा असंतोष व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि अप्लीकेंट के द्वारा सभी फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद भी लाइसेंस जारी ना किया जाना गंभीर बात है । निर्देश दिए कि 3 से 4 दिनों में लाइसेंस जारी किया जाए, बता दें कि डीएम ने मंगलवार को भी विभाग का निरीक्षण कर कई खामियां पकड़ी थी ।
डीएम ने बैठक के दौरान कहा कि जिले में रसायन द्वारा पकाया गया फल लगी , रंगी हुई सब्जी ,खाद्य तेल व दूध का एक भी अधोमानक युक्त नमूना ना मिलना चिंता का विषय है , विभाग के अभिहित अधिकारी विजय प्रताप सिंह को प्रवर्तन की कार्यवाही साफ नियत व पारदर्शिता के साथ कराने के निर्देश दिए ।मीटिंग में मौजूद डेयरी विकास अधिकारी ने डीएम को जानकारी देते हुए बताया कि खाद्य सुरक्षा के मानकों में गाय के दूध का मानक 8.3 सीएनएफ है, जबकि वास्तविक में 8 सीएनएफ का दूध ही मिलता है। डीएम तथ्य मांगते हुए प्रमुख सचिव दुग्ध को पत्र लिखने का आदेश दिया है । डीएम ने जोर देकर कहा कि सभी अधिकारी अपने-कर्तव्यों व दायित्वों का स्वयं निर्वहन करें ।