उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण कर अमेरिका को स्पष्ट संकेत दिया है कि यदि उसके ऊपर से प्रतिबंध नहीं हटाए गए तो वह इस तरह के परीक्षण करने के लिए मजबूर हो जाएगा। इस परीक्षण ने अमेरिका द्वारा पूर्व में जताई गई आशंका को भी सही साबित कर दिया है। पिछले ही माह अमेरिका ने उपग्रह से मिले चित्रों की जानकारी के आधार पर कहा था कि उत्तर कोरिया परमाणु बम बनाने के लिए किसी रेडियोएक्टिव मेटेरियल को रिप्रोसेस करने में लगा है।
यह आशंका सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज की तरफ से जताई गई थी। इसके मुताबिक उत्तर कोरिया की प्रमुख योंगब्योन न्यूक्लियर साइट पर यूरेनियम इनरिच फेसेलिटी और रेडियोकेमेस्ट्री लैब के निकट 12 अप्रैल को पांच रेलकार दिखाई दी थीं। इस तरह की रेल कार का इस्तेमाल रेडियोएक्टिव मैटेरियल को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए होता है।
इससे पहले भी अमेरिका ने करीब दो बार इसी तरह की आशंका जताई थी। इतना ही नहीं अमेरिका आज तक चीन से लगती उत्तर कोरिया की सीमा पर स्थित दो लाल इमारतों का भी रहस्य पता नहीं कर सका है। पिछले वर्ष जून में जब किम-ट्रंप ने सिंगापुर में पहली बार मुलाकात की थी, उसके बाद इन लाल इमारतों की आशंका ने अमेरिका के कान खड़े कर दिए थे। अमेरिका को आशंका है कि इन इमारतों का संबंध कहीं न कहीं मिसाइल परीक्षण या किसी खतरनाक मैटेरियल के प्रोसेसिंग से है। लेकिन इसकी गुत्थी अब तक अमेरिका नहीं सुलझा पाया है।
वहीं अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शानहान ने कहा है कि उत्तर कोरिया के द्वारा बुधवार को किया गया परीक्षण बैलिस्टिक मिसाइल का नहीं था। शानहान ने कहा, ‘मैं इसके विस्तार में नहीं जाना चाहता, लेकिन इसे देखकर मैं कह सकता हूं कि यह बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण नहीं था।’ इस परीक्षण के कुछ घंटे बाद ही केसीएनए ने विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी क्वोन जोंग गन के हवाले से कहा ‘अगर अमेरिका ने उस मूल कारण को नहीं हटाया जिससे उत्तर कोरिया परमाणु हथियार विकसित करने के लिए विवश होगा, तो कोई भी व्यक्ति कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति के बारे में अनुमान नहीं लगा सकेगा।