इंदौर निवासी युवती ने युवक पर धर्म परिर्वतन कर करने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर सीओ ने चकेरी पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए है। पीड़ित ने बताया की पुलिस अफसरों को डाक से 150 से अधिक शिकायतें भेजीं लेकिन किसी ने नहीं सुनी। मानवाधिकार आयोग में वर्ष 2017 में शिकायत भेजी थी।
इंदौर निवासी बरखा ने बताया कि उसकी मुलाकात जाजमऊ निवासी अली से हुई थी।वो मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव था उसने अपना नाम जान और हिंदू धर्म बताया था बाद में रावतपुर स्थित एक मंदिर में 2019 में शादी के बाद उसके मुस्लिम होने का पता चला । इसके बाद उसने निकाह कर हाईकोर्ट में विवाह पंजीकृत कराया। लेकिन उसके घर वाले राजी नही हुए। 2014 में उसने औरंगाबाद में किराये के घर पर रखा। 2016 में इंदौर में मकान खरीद लिया। फिर उसके माता पिता का आना जाना शुरु हो गया। इसके बाद जाजमऊ स्थित अपने घर ले आया।
फिर पति समेत सभी ससुरालीजन प्रताड़ित करने लगे। दवाएं खिलाकर जबरन गर्भपात करा दिया गया। दानिश के भाई शारिक अली और बहनोई ने कई बार गंदी हरकतें कीं। विरोध पर पीटा जाता। विरोध करती तो घर से भाग जाने को कहते। मेरा फोन छीन लिया गया। मेरी बहन आई तो उसे बंधक बना लिया। इसके बाद दोनों को घर से निकाल दिया। तबसे पुलिस और मानवाधिकार, महिला आयोग, मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर रही हूंथ। अब जाकर सुनी गई। सीओ छावनी रवि कुमार सिंह ने बताया कि चकेरी थाने में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। दानिश पर इसी तरह के अन्य मामले जानकारी में आए हैं।