नौबस्ता थानाक्षेत्र अन्तर्गत लड़की के साथ क्षेत्र के दबंग ने कि छेड़छाड़ ,उन्नाव जैसा कांड करने की दी धमकी

कानपुर

एक तरफ जहां पूरे देश में महिला उत्पीड़न चरम पर है ,दिन प्रतिदिन देश की बहनों और बेटियों पर इंसान कि शक्ल में कैद भेड़ियों द्वारा अत्याचार कि खबरे देखने और सुनने में आती रहती है जहा हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत को देश भुला भी नहीं पाया था ,तभी उन्नाव जैसा कांड सुनने में आ गया।

कहीं ना कहीं इन सभी महिला उत्पीड़न की घटनाओं के पीछे पुलिस का ढीला रवैया और जज बन कर खुद सही गलत का फैसला दे देना भी है, यही वह वजह है जिसे बेटियां ,बहने घरों से बाहर अकेले निकलने में डर महसूस करती है ,नाम की पुलिस व्यस्था है ।

ऐसा ही एक मामला आज कानपुर के नौबस्ता थाना क्षेत्र में घटित हुआ जहां पर पीड़िता को थाने से विपक्षी पक्ष कि पैरवी करते हुए पट्टी पढ़ाकर चलते कर दिया गया ।

पीड़िता अपने मौसी के घर जा रही थी जहां रास्ते में उसे क्षेत्र के दबंग और प्रभावशाली राजनीतिक पार्टियों से खाशा संपर्क रखने वाले दीपक जादौन, और उसके तीन साथियों शमशेर सिंह ,सुनील पांडेय और धर्मेन्द्र सिंह जादौन ने बदनियती की नियत से रोक लिया ,रोकने के साथ ही भद्दी टिप्पडिया करने लगे पीड़िता के विरोध करने पर हाथ पकड़ प्लॉट में घसीटने कि कोशिश भी की गई। पीड़िता ने बताया दीपक जादौन ने उसके नाज़ुक अंगो पर हाथ भी लगाया , पीड़िता के शोर मचाने पर घटनास्थल पर लोग जमा हो गए लोगो को देख सभी आरोपी घटनास्थल से फरार हो गए।
इस घटनाक्रम में पीड़िता के हाथ और पैरों में खरोचे भी आईं है जिसका मेडिकल करवाना भी पुलिस ने उचित नहीं समझा।

 

पीड़िता ने जब अपनी आपबीती अपने परिजनों से बताई तो परिजनों ने नौबस्ता थाने में लिखित शिकायती पत्र दिया लेकिन मजाल था जो पुलिस अपनी कार्यशैली से बाज आ जाए वहीं हुआ पीड़िता को थाने से टरका दिया गया . अब अगर पीड़िता के साथ किसी भी तरह की कोई अनहोनी घटना घटित होती है तो ,क्या क्यू,कब , कहा और कैसे के अलावा कुछ नहीं होगा हमरी नौबस्ता थाने की होनहार पुलिस के पास।

उत्तरप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री महंत योगी आदित्यनाथ जी और डीआईजी साहब आपसे विनम्र निवेदन है कि एनकाउंटर पर अगर पुलिस को इतनी छूट दी गई है तो देश कि बेटियों कि आबरू से खिलवाड़ करने वालो के खिलाफ एक्शन लेने की ट्रेनिंग भी इन थानों के पुलिस वालो को दिलवाने कि कृपा करे जिसे थानों में फरियाद लेकर जाने वाली बहनों और बेटियों को बदनियती से देखने वाले दरिंदो के चेहरे पर पुलिस का खौफ साफ देखा जा सके।

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