कानपुर। कहने को तो आज समाज में सब एक समान हैं न जाति भेद, न ऊंच-नीच का अंतर है अर्थात साम्य वाद है परंतु वास्तविकता इससे बिलकुल उलट है। इस बात का प्रमाण आज रीना देवी पासवान ने कानपुर प्रेसक्लब में अपनी वार्ता करते हुए पेश की। उसने बताया कि उसका विवाह कुलदीप सिंह चौहान निवासी ग्राम केवई, पो0 शाह, जिला फतेहपुर के साथ हिन्दू रीति रिवाज से शिव कटरा स्थित आर्यसमाज मंदिर में 23 अप्रैल, 2018 को हुआ था। शादी के एक माह बाद ही प्रताड़ना शुरू हो गई। पति और उसके घर वालों ने रीना देवी को यह कह कर घर से निकाल दिया कि दहेज दो अन्यथा किसी पासवान जाती की महिला को अपनी बहू नहीं बनाएंगे।
इस घटना से परेशान हो कर रीना अनेक उच्चाधिकारियों से मिलकर अपनी फरियाद सुनाती रही लेकिन कहीं से उसे तनिक भी न्याय की आशा नहीं मिली। इससे आहत होकर रीना ने 23 जुलाई 2018 को मुम्बई के ठाड़े जिला में घरेलू हिंसा का परिवाद दाखिल किया। इससे पति व उनके पिता अपने साथियों के साथ पीड़ित के गांव जा कर समझौता के दृष्टिकोण से रीना के साथ मार पीट की व उसके बाल नोचते हुए अभद्र व्यवहार व गाली गलौज की। इस बात की शिकायत पीड़ित द्वारा गाजीपुर थाने में तहरीर देकर एफ आई आरN दर्ज कराई, जिसका मु0 न0- 253/19 है।
इसके लिए कुलदीप को 15 दिनों के लिए फतेहपुर की जेल जाना पड़ा। इसपर कुलदीप अपनी परिवार को फंसता देख आपराधिक षडयंत्र रचने लगा। उसने एक अनजान दीपू नामक व्यक्ति द्वारा अवैध नोटेरियल विवाह प्रतिस्थापित कराया। उसने विवाह अधिनियम की धारा 9 के तहत नोटिस भेजा। बाद में जब दीपू से पीड़िता मिली तो उसने कुबूल किया कि कुलदीप के दबाव में आकर ऐसा किया था। परंतु वह कोर्ट में गवाही देने से मुकर गया। इस बीच लोकडौन के दौरान कुलदीप ने अंजली नामक महिला से दूसरी शादी बिना मुझसे तलाक लिए 29 अप्रैल 2020 को कर ली। पीड़िता मीडिया के माध्यम से प्रशाशन व सरकार से अपना न्याय की गुहार लगा रही है।
रिपोर्टर बीपी पाण्डेय