यूपी एक बार फिर तय करेगा देश का पीएम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव प्रभारी बनाया गया तो 2014 की अपनी ही उपलब्धियों से पार पाने की चुनौती सामने थी। वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की बनाई हुई जमीन, संगठन-सरकार के समन्वय और मोदी के जादुई व्यक्तित्व के भरोसे उत्तर प्रदेश की 80 में 74 से अधिक सीटें जीतने के प्रबंधन में जुट गए।

चार चरणों के मतदान के बाद उनका हौसला बढ़ा है। अब वह दावा करते हैं कि विपक्ष के लिए उप्र की जनता के दिलों में कोई जगह नहीं है। उप्र के चुनाव में जातिवाद के सवाल पर कहते हैं- मोदी के काम ने जाति की चुनौती को ध्वस्त कर दिया है। इस चुनाव के नतीजे आने के बाद वोट बैंक और जातिवाद की राजनीति समाप्त हो जाएगी…।

2013-14 उप्र की राजनीति के लिए अहम बिंदु रहा और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जब यहां का प्रभार संभाला तो समाज के सभी वर्गों को जोड़ा। उसका प्रतिफल 2014 और 2017 में अभूतपूर्व विजयश्री के रूप में मिला। 2019 में शक्तिबढ़ी और अब तो विपक्ष ध्वस्त हो गया है। उप्र की जनता ने मोदी को फिर प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।

आगे के तीन चरणों में मोदी की सुनामी और तीव्र होगी। उप्र भाजपामयी है और हर कोई देश की मजबूती के लिए मोदी के रूप में सक्षम नेतृत्व देख रहा है।

 

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