तय किराए पर यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने और उनकी सुरक्षा के लिए बना GRP प्रीपेड ऑटो बूथ अब लूट-खसोट का अड्डा बन गया है। कुछ दिन में ही GRP इस बूथ से गायब हो गई है। तय किराए को ऑटो चालक मान नहीं रहे हैं।
यहां एक सिंडीकेट सैकड़ों यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहा है। इससे जहां यात्रियों को दोगुना किराया तक देना पड़ रहा है। वहीं, उनके सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंचने को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। शहर के हर हिस्से का किराया तय कर इसकी रेट लिस्ट बूथ पर लगाई गई है। नियम है कि बाहर से आने वाले यात्री सीधे प्रीपेड बूथ पर आएंगे।
यहां GRP उनके गंतव्य के तय किराए की रसीद काटकर उसे अपने पास जमा करेगी। रसीद की एक प्रति यात्री को दी जाएगी। यात्री जब अपने गंतव्य पर पहुंचकर ऑटो चालक को अपनी रसीद साइन कर सौंपेगा तो उसे चालक को बूथ पर लाकर जमा करना होगा। दोनों रसीदों के मिलान से यह पता चलेगा कि यात्री सुरक्षित अपनी जगह पहुंच गया है।
इसके बाद GRP अपने पास जमा किराया चालक को देगी। दूसरी बार जब इस व्यवस्था की शुरुआत हुई तो चारबाग पर सक्रिय सिंडीकेट ने अपने करीब 350 ऑटो का पंजीकरण कराया। पंजीकृत ऑटो ही बूथ के आसपास खड़े रहते हैं। बाहर से आने वाले यात्रियों से चारबाग और लखनऊ जंक्शन पर मनमाना किराया वसूल किया जाता है।