छोटे व्यपारियों और खुदरा कारोबारियों की बड़ी कर चोरी की शिकायतों के बाद जीएसटी अधिकारी व्यापक पड़ताल की तैयारी में हैं। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि बड़ी संख्या में छोटे व्यपारियों और बिजनेस टू कंज्यूमर संस्थाओं या खुदरा कारोबारियों द्वारा उपभोक्ताओं से जीएसटी वसूला जाता है, लेकिन इसे सरकारी राजस्व तक नहीं पहुंचाया जाता।
जीएसटी अधिकारी के माध्यम के अनुसार , विभाग की ओर से जारी आईरिस पेरिडॉट एप के माध्यम से हजारों ग्राहकों ने शिकायत की है। कि छोटे व्यपारियों उनसे जीएसटी वसूलते है, लेकिन वे आयकर विभाग को टैक्स का भुगतान नहीं करते। इतना ही नहीं इनमें से अधिकतर जीएसटी रिर्टन तक दाखिल नहीं करते हैं। इसी तरह की शिकायत खुदरा कारोबारियों या छोटे संस्थाओं की भी मिली है।
इसमें सबसे ज्यादा बी2सी संस्थान हार्डवेयर, सैनिटरी वेयर, फर्नीचर और इलेक्ट्रिक सामानों के शामिल हैं। इन उत्पादों की दुकानों पर ग्राहकों से जीएसटी वसूला जाता है। लेकिन इसे न तो रिर्टन में दाखिल करते है और न ही इस पर टैक्स जमा करते है। जाएसटी अधिकारी ने कहा कि इस तरह की शिकायतों का अबांर लग गया है। विभाग अब संभावित कर चोरी को उजागर करने का तंत्र बना रहा है, जिस पर कार्रवाही के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों को भेजा जाएगा। हालांकि, उन्होंने इस पर चिंता जताई कि कर्मियों की कमी के कारण छोटी टैक्स चोरी रोकना बेहद मुश्किल होता है।