लखनऊ। मलिहाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डाॅक्टरों से हुई मारपिट के मामले में 40 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। स्थानीय पुलिस आरोपियों के घर से फरार हो जाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। इस गंम्भीर मामले में पुलिस की हिलाहवाली के कारण आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात कर्मचारियों व डाॅक्टरों में रोष व्याप्त है। स्वास्थ्य कर्मियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि पुलिस आरोपियों को जल्द गिरफ्तार नहीं करती वे स्वास्थ्य सेवाओं का बहिष्कार करने को बाध्य होंगे।
मलिहाबाद सीएचसी पर मंगलवार को मध्य रात्री के बाद सरावां गांव के रहने वाले कल्लू को लेकर उसके परिजन आये थे। कल्लू हार्ड की भी समस्या थी और किसी दूसरे अस्पताल ने उसे केथेटर लगा रखा था। जिसे उसने नोच दिया था। केथेटर नोचने के कारण उसके जनांग से खून का रिसाव हो रहा था। मरीज के हालात देखकर वहां पर ड्यूटी पर मेडिकल आॅफिसर डाॅ जितेन्द्र वर्मा ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। मरीज के तमारदार रेफर पर्चा देखते ही आग बबूला गए और पर्चा फाड़ दिया।
इसके बाद अजय उर्फ महेन्द्र व इसके दो अन्य भाई बहन रिंकी, रानी व कोमल सहित करीब डेढ़ दर्जन लोगों ने इमरजेंसी में मौजूद डा. जितेन्द्र वर्मा, फार्मासिस्ट नरेश सिंह व वार्डबॉय सुबोध के साथ गाली गलौज करते मारपीट करने लगे। इमरजेंसी रुम में रखे स्लाइन चढ़ान वाले स्टैंड आदि से उपद्रवियों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर जानलेवा हमला कर दिया। उन्होंने महिला नर्सों से भी बदसलूकी की। यहीं नहीं दबंगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ किया और सरकारी व्हील चेयर उठा ले गये। इस हमले में डा. जितेन्द्र वर्मा को गंभीर चोटे आयीं है।
आरोपियों ने वार्डबाॅय सुबोध का गला भी दबा दिया था। जिससे कारण उसे काफी देर तक सांस लेने में समस्या बनी रही। स्वास्थ्य कर्मियों की शिकातय पर मलिहाबाद पुलिस ने दबंग हमलावारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। लेकिन 40 घंटे बीत जाने के बाद भी हमलावर पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। थाने की प्रभारी निरीक्षक सियाराम वर्मा ने बताया कि आरोपियों की तलाश के लिए दबिश दी जा रही है। एसपी ग्रामीण आदित्य लहंगे ने कहा कि मेडिकल स्टाॅफ के हमलावारों की जल्द गिरफ्तारी होगी।
रिपोर्टर बीपी पाण्डेय