भारत देश के पीछे होने का सबसे बड़ा कारण यहीं है कि यहां अरबों की आबादी सिर्फ अंधविश्वास जैसी कुरीतियों से बुरी तरह से जकड़ी हुई है।इस कारण हम अपनी ही सोच से आगे ही ना बढ़ पा रहे है।
ऐसा ही एक किस्सा उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से सुनने को आया है।यहां के एक परिवार की मासूम द्वारा गलती से ईंट के प्रहार से बछिया की मौत हो गई। तो गांव वालों ने उस नन्हें बच्चे को हत्यारा मानते हुए, उसे तुलादान करने के लिए मजबूर कर दिया।
उस परिवार के मुखिया ने बताया कि उसका 10 साल का बेटा रोहित अपने घर शनिवार को पालतू बछिया को चारा खिला रहा था कि अचानक बछिया ने उसे सींग मार दिया जिससे आवेश में आकर रोहित ने एक ईट के टुकड़े से उस पर प्रहार किया और कुछ देर बाद मौके पर ही बछिया की मृत्यु हो गई।
इसकी उहेलना गांव वालों के बार- बार देने पर अशोक ने गांधी चबूतरा के पास स्नान कराकर सड़क के किनारे लगे पेड़ से तराजू लटका कर बेटे के बराबर मिट्टी- पंचमेली- अनाज व अन्य सामग्री का तुलादान किया और वहां मौजूद लोंगो के पैर छुआकर अनजाने में की गई गलती के लिए क्षमा भी मंगवाई।
गांव की परम्परा बताते हुए गंगापुर के रहने वाले साई फकीर चांद अली ने बताया कि हत्यारी लगने के बाद पश्चाताप के लिए उसका परिवार कई पीढियो से तुलादान कराकर पाप से मुक्त करा देता है। हालांकि दान में दी गई सामग्री साई फकीर का परिवार स्वयं ले लेता है। कुल मिलाकर सवाल अब इस बात का है कि जहां एक ओर सरकार बुलेट ट्रेन और डिजिटल इंडिया की बात कर रही है तो वहीँ दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी रूढ़िवादी और अंधविश्वास समाप्त नही हो पाई है।