देश 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र का असली मतलब उन लोगो से है जो इस देश के तंत्र में गण बनकर अपनी भूमिका निभा रहे हैं और समाज के साथ साथ सरकार को भी आईना दिखा रहे हैं। मीरगंज में रामगंगा के गोरा बसंतपुर घाट पर लोगों की परेशानी को देखते हुए बसपा सरकार में पुल बनाने का निर्णय लिया गया था।
काफी जद्दोजहद के बाद पुल बनना शुरु भी हो गया। बीच में अटक गया। ऐसे में लोगो ने सरकार का मुंह ताकने की बजाए खुद ही लकड़ी का पुल तैयार कर अपनी समस्या का समाधान कर लिया। लोगों को उम्मीद लगने लगी थी कि अब पुल बनने से न सिर्फ उन्हें आने जाने में आसानी हो जाएगी मीरगंज और आंवला क्षेत्र के आपस में जुड़ जाने से सहूलियत भी हो जाएगी।
लोगों की उम्मीदें जल्द ही धूमिल होने लगी, सरकारी सिस्टम और तकनीकी पेंच की वजह से पुल का निर्माण बीच में ही अटक गया। शासन प्रशासन जानकर भी अनजान बना हुआ था। ऐसे में लोगों ने सरकार का मुंह ताकने की बजाय खुद ही इस समस्या का समाधान करने की ठानी। लोगों ने तय किया कि जब तक पक्के पुल का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वह खुद ही लकड़ी का पुल बनाकर आंवला और मीरगंज तहसील के क्षेत्र के लोगों को आने जाने का रास्ता मुहैया कराएंगे।