डेंगू की महामारी के बीच सरकारी और निजी अस्पतालों में Bed फुल हो चुके हैं। कहीं स्ट्रेचर तो कहीं बेंच और बरामदों में मरीजों को लिटाकर इलाज किया जा रहा है। अस्पतालों में Bed बढ़ाने या कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए न तो प्रशासन ने कुछ सोचा है और न ही अब तक किसी मंत्री, सांसद, विधायक ने मुंह खोला है मंत्री, सांसद विधायक सब भाजपा के हैं जो सरकार में हैं।
किसी अस्पताल में Bed न मिलने के कारण चकेरी रामपुरम श्यामनगर निवासी आर्मी पब्लिक स्कूल, कैंट की उप प्रधानाचार्या की डेंगू से मौत हो गयी। परिजनों के अनुसार शुक्रवार को उनकी तबियत बिगड़ी थी। जांच में डेंगू पॉजिटिव आया तो शुक्रवार को भर्ती कराने के लिए अस्पतालों में भटकते रहे पर बेड नहीं मिला। मजबूरन घर ले गए।
अगले दिन उन्हें रावतपुर के एक निजी अस्पताल में जगह मिल सकी। जहां पर उनकी मौत हो गयी। इसी तरह बर्रा 5 निवासी प्रशांत शर्मा के 8 साल के बेटे समर्थ की डेंगू Report Positive आई। परिजन उसे भर्ती कराने के लिए शुक्रवार रात 4 अस्पतालें से बेड फुल होने पर निराश लौटे। इसके बाद रतनलालनगर के एक Nursing Home में उसे Bed मिल सका और इलाज शुरू हुआ।