भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का कार्यकाल पूरा

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भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का बतौर BCCI अध्यक्ष कार्यकाल रविवार 26 जुलाई को समाप्त हो गया। कूलिंग-ऑफ पीरियड नियम का पालन करते हुए भारतीय क्रिकेट प्रशासन में उनका 6 साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है।

Indian Cricket प्रशासन में लौटने के लिए अब उनको 3 साल का ब्रेक लेना होगा। इसके बाद ही वे किसी राज्य क्रिकेट संघ या फिर BCCI में प्रशासनिक जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। इस बीच वह International Cricket काउंसिल यानी ICC में कोई पद हासिल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए BCCI से मंजूरी लेनी होगी,

जबकि उनको अन्य राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्डों का समर्थन भी मिलना जरूरी है। दादा के नाम से World Cricket में फेमस सौरव गांगुली का कार्यकाल समाप्त होने का मतलब यह नहीं है कि वे अपने पद से मुक्त हो जाएंगे।

BCCI ने Supreme Court से कूलिंग-ऑफ नियम में संशोधन की मांग की है और इस अपील की सुनवाई 17 अगस्त को होनी है। ऐसे में माना जा रहा है कि अदालत के आदेश तक बोर्ड के पदाधिकारी अपने पद पर बने रहेंगे।

सौरव गांगुली ही नहीं, बल्कि बोर्ड के सचिव जय शाह भी अपना कार्यभार संभालते रहेंगे, क्योंकि उनका कार्यकाल मई में समाप्त हो गया है, जबकि संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज का कार्यकाल अगस्त में समाप्त हो रहा है।

वैसे तो BCCI के नियमों के हिसाब से खुद ही पदाधिकारी अयोग्य हो जाते हैं, लेकिन सौरव गांगुली के मामले में ऐसा नहीं है। 26 जुलाई को गांगुली का बतौर BCCI अध्यक्ष कार्यकाल समाप्त होना था, क्योंकि 27 जुलाई 2014 को उन्होंने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल में सचिव का पद संभाला था, जबकि अगले ही साल सितंबर में बंगाल राज्य निकाय के अध्यक्ष और अक्टूबर 2019 में बीसीसीआइ अध्यक्ष बने थे।

अभी तक BCCI ने इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है कि ये अधिकारी कब तक और क्यों अपने पद पर बने हुए हैं।

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