मकर संक्रांति के अवसर पर बनाए इस प्रकार खिचड़ी

रेसिपी

हिंदी का खिचड़ी शब्द संस्कृत के खिच्चा से निकला हुआ है जिसका मतलब चावल और दाल से बना व्यंजन है। लेकिन अलग-अलग जगहों पर इसे बोलने से लेकर बनाने तक का तरीका अलग है और भारत के ज्यादातर शहरों में खिचड़ी एक खास भोजन के रूप में शामिल है। तो आज हम मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने की परंपरा, इसके अलग-अलग नाम और रेसिपी के बारे में जानेंगे।

उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति का पर्व खिचड़ी के रूप में मनाया जाता है। मकर संक्रांति प्रयागराज के माघ मेले का पहला स्नान होता है। गोरखपुर की गोरक्षनाथ परंपरा में खिचड़ी के दिन देश-विदेश के श्रद्धालु नाथ परंपरा के आदियोगी गोरखनाथ जी के मंदिर में खिचड़ी चढ़ाते हैं।

यहां ब्रह्म मुहूर्त में पहली खिचड़ी नेपाल के राजपरिवार की चढ़ती है, फिर दिनभर यह क्रम चलता रहता है। रंगीले राजस्थान से भी मकर संक्रांति का सीधा नाता है। घर-घर में तिल-पट्टी, गजक, पकौड़ी और पुआ बनता है। विवाह के पश्चात पहली संक्रांति देखने वाली नई-नवेली दुल्हन को उसके माता-पिता जमाई समेत विशेष संक्रांति-भोज के लिए आमंत्रित करते हैं।

खिचड़ी बनाने की रेसिपी

सामग्री

100 ग्राम धुली मूंग की दाल, 150 ग्राम चावल, स्वादानुसार नमक, 1/2 टीस्पून जीरा, 1 साबुत लाल मिर्च, 1 हरी मिर्च कटी हुई, 1 मध्यम आकार का प्याज कटा हुआ, 1 टीस्पून हल्दी पाउडर, 1 इंच टुकड़ा अदरक कटा हुआ, चुटकी भर हींग, 1 टेबलस्पून हरी धनिया कुटी हुई, 1 टीस्पून देसी घी

विधि

दाल और चावल को धोकर अलग रखें। अब प्रेशर कुकर में घी डालकर गर्म करें और इसमें जीरा डालें।

जब ये चटकने लगे तब हींग, साबुत लाल मिर्च, अदरक व कटा हुआ प्याज डालकर मध्यम आंच पर हल्का गुलाबी होने तक भूनें।

हल्दी पाउडर डालकर चलाएं। अब धुले हुए दाल-चावल डालकर अच्छी तरह चलाएं। नमक डालें। कुछ देर चलाते हुए भूनें। खिचड़ी पतली पसंद है तो दो ग्लास पानी डालकर 5-6 सीटी आने तक पकाएं।

धनिया से सजाकर आलू के भरते के साथ गरमा गरम सर्व करें। चाहें तो अलग से 1 टेबल स्पून देसी घी में जीरा और प्याज काटकर ऊपर से डालकर सर्व कर सकती हैं।

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