यूपी समेत दस राज्य करेंगे स्ट्रीट फूड की ग्रेडिंग शुरूआत

लखनऊ

ठेलों पर बिक रहे भोज्य पदार्थों का भी स्टैंडर्ड होगा। वेंडरों को पौष्टिक, स्वादिष्ट और स्वच्छ आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। यह न सिर्फ जनस्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा, बल्कि इससे वेंडरों की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। इसके लिए होटलों की तर्ज पर उन्हें ग्रेडिंग मिलेगी। यह Project UP समेत 10 राज्यों में शुरू होगा।

World Health Organization ने राजधानी में ‘Safety Of Street Foods पर मंथन किया। पिकेडली होटल में दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन मेयर संयुक्ता भाटिया ने किया। इसमें नार्दन जोन के 10 राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ऐसे में नीति आयोग के सदस्य विनोद पॉल ने संदेश भेजकर ‘फोर-एस प्रोग्राम की घोषणा की। इसका मतलब स्वच्छ, स्वस्थ, स्वादिष्ट, स्ट्रीट फूड बताया।

WHO की नेशनल को-ऑर्डिनेटर इंदिरा चक्रवर्ती के मुताबिक शहरों में बड़ी संख्या में लोग ठेलों पर खाना खाते हैं। वहीं, शुद्ध व पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए छापेमारी, सैंपल संग्रह, लैब जांच में काफी वक्त लगता है।

साथ ही Food Security Officers की कमी से लाखों वेंडरों की सैंपलिंग संभव भी नहीं है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ, नगर निगम, एफएसडीए, एफसीएसडी समेत अन्य विभाग व संस्थाओं की टीम बनेगी। यह टीम ठेलों पर जाकर वेंडर को स्टैंडर्ड पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी।

इस दौरान गुरुग्राम की असिस्टेंट कमिश्नर अपराजिता व उत्तराखंड से आए ज्वाइंट कमिश्नर एफएसडीए डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने अपने-अपने राज्य में स्वादिष्ट व पौष्टिक स्ट्रीट फूड उपलब्ध कराने का दावा किया।

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