सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज, पढ़े खास खबर

नई दिल्ली

Supreme Court ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली एक पीठ फैसला सुनाया। इसके साथ ही नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।

Supreme Court ने इस दौरान कहा कि निर्माण कार्य शुरू करने के लिए हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मंजूरी आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट ने परियोजना समर्थकों को समिति से अनुमोदन प्राप्त करने का निर्देश दिया।

लुटियंस जोन में सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण को चुनौती देने वाली याचिकाओं में पर्यावरण मंजूरी समेत कई मुद्दों को उठाया गया था। इससे पहले, Supreme Court ने 7 दिसंबर को नए संसद भवन के लिए 10 दिसंबर को आधारशिला की अनुमति दी थी, लेकिन इसके साथ में यह भी निर्देश दिया था कि कोई निर्माण नहीं होगा।

मामले में कोर्ट ने पिछले साल पांच नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।इस पीठ में जस्टिस दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना भी शामिल हैं।

इस दौरान न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली की पीठ ने कहा था कि केंद्र सरकार सेंट्रल विस्टा परियोजना की आधारशिला रख सकती है, लेकिन इसके लिए कोई निर्माण, विध्वंस या पेड़ों की कटाई नहीं होगी।

सरकार की ओर से भी आश्वासन दिया गया था कि लंबित याचिकाओं पर फैसला आने से पहले वहां पर निर्माण या विध्वंस का कोई कार्य नहीं होगा।

इसके बाद PM Modi ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी और भूमि पूजन किया, जो 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना का एक हिस्सा है।

कोर्ट इस दौरान यह तय करेगा कि ये परियोजना कानून के मुताबिक है या नहीं। इस पर रोक लगाई जाए या नहीं। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया था कि परियोजना पैसों की बचत होगी।

इस प्रोजेक्ट से सालाना 20 हजार करोड़ की बजत होगी, जिसका भुगतान केंद्र सरकार के मंत्रालयों के लिए किराए के रूप में किया जाता है।

इसने यह भी कहा था कि नए संसद भवन के निर्माण का निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया गया है और परियोजना के लिए किसी भी तरीके से किसी कानून या मानदंडों का उल्लंघन नहीं किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *