1 घंटे में 5 हजार बंदियों को गरम रोटियां मिलेंगी। इसके लिए लिए जिला कारागार में मशीन लगेगी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने प्रस्ताव भेजा है। मशीन 1 करोड़ रुपये के बजट से खरीदी जाएगी।
कारागार में बंदियों को एक साथ भोजन परोसने का नियम है। रसोईघर में जब पूरा भोजन बनकर तैयार हो जाता है, उसके बाद ही बंदियों को परोसा जाता है। कारागार में एक साथ बंदियों के लिए रोटी बनाने में भी वक्त लगता है। इस काम को अनुभवी बंदियों से ही कराया जाता है।
अभी तक कारागार में आटा गूथने के बाद रोटी सेकी जाती हैं। इस प्रक्रिया में करीब 3 से 4 घंटे का वक्त लगता था लेकिन, अब कारागार के बंदियों को आटा गूथने और रोटी सेंकने के काम से बहुत जल्द छुटकारा मिल जाएगा। कारागार में बंदियों के लिए रोटी बनाने और सेकने के लिए नई मशीन लगाने की तैयारी पूरी हो चुकी है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक उमेश सिंह ने बताया कि आटा गूथने से लेकर रोटियां बनाने की मशीन लगाने के लिए उनके द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को शासन ने मंजूरी दे दी है। जेल मुख्यालय की क्रय समिति द्वारा लगभग एक करोड़ रुपये के बजट से रोटी बनाने की मशीन खरीदी जाएगी, जिसे मुरादाबाद जिला कारागार में स्थापित किया जाएगा। मशीन लगाने के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है। इस मशीन में आटा और पानी डालने के साथ ही मशीन के अंदर से गरम रोटियां बनकर निकलेगी।