ओडिशा में फानी तूफान ने अपने कदम रख लिए है। इसके साथ आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी इस तूफान का बड़ा असर पड़ा है। तूफान की गंभीरता को देखते हुए पहले ही 10 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया जा चुका है।
कई इलाकों में बिजली गुल हो गई है और बड़े पैमाने पर संचार सेवाएं बाधित हुई हैं। इस तूफान की रफ्तार औसतन 180-200 किलोमीटर प्रति घंटा है। ओडिशा के पुरी में फेनी की अधिकतम रफ्तार 245 किमी प्रति घंटा है। पुरी के तटों से भूस्खलन शुरू हो गया है। ओडिशा में भारी बारिश हो रही है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 10 हजार गांव और 52 शहर इस भयानक तूफान के रास्ते में आएंगे। 20 साल में पहली बार इतना भयानक तूफान आया है।
वायुसेना, थलसेना और NDRF की टीमें अलर्ट पर हैं। एनडीआरएफ की 54, ओडिशा डिजास्टर मैनेजमेंट रैपिड ऐक्शन फोर्स की 20 यूनिट और फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट के 525 लोग रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैयार किया गया है। कोस्ट गार्ड के 8 दस्ते तैनात किए गए हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की 302 रैपिड रिस्पांस फोर्स टीम तैनात की गई हैं। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुटि्टयां रद्द कर दी गई हैं। स्कूलों और इसके अलावा नौसेना के 2 जहाज और 4 चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।
फानी से निपटने के लिए 13 नेवी एयरक्राफ्ट विशाखापत्तनम में तैयार खड़े हैं, जिससे समय रहते क्षति का आकलन और राहत कार्य पूरा हो सके। ओडिशा की तरफ जाने वाली करीब 223 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कई ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। शनिवार को यह तूफान पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर सकता है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो दिन के लिए चुनाव प्रचार स्थगित कर दिया है। वह दो दिन खड़गपुर में ही रहेंगी। मौसम विभाग ने ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी के मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है। प्रदेश में तट पर और उसके पास समुद्र में स्थिति बेहद खराब हो सकती है।