बीबीसी खबर
नई दिल्लीः आगामी संसदीय चुनाव में राम मंदिर को सबसे बड़ा मुद्दा बनाने की जमीन तैयार हो गई है। इस पर भावी रणनीति तय करने के लिे विहिप से जुड़े संतों की उच्चाधिकार समिति की शुक्रवार को बैठक हो रही है। मंदिर निर्माम की व्यूह रचना के लिए इस माह के अंत में संघ की बैठक होने वाली है। उसके बाद दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 3 और 4 नवंबर को 5000 संतों का धर्मादेश सम्मेलन होने वाला है। उसी कार में सेवा की तारीख का एलान होगा ।
इस्माइल फारूकी बनाम केंद्र पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद त्वारित सुनवाई की उम्मीद बंधी थी। हालांकि कार्यभार संभालने के पहले ही दिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जिस प्रकार त्वारित सुनवाई के मापदंड तय किए, उस खांचे में अयोध्या मसला नहीं आता। 29 अक्तूबर को होने वाली सुनवाई में शीर्ष अदालत का रूख साफ हो जाएगा, लेकिन विहिप का कहना है कि वह इस मामले में अधिक इंतजार नहीं करेगी। शुक्रवार की बैठक से पूर्व ही समिति में शामिल 35 संतों में राम मंदिर के लिए जल्द कुछ कार्यक्रम घोषित करने पर सहमति है ।
संघ के एजेंडे में भी मंदिरः
दीपावली से पूर्व संघ की बैठक का भी मुख्य एजेंडाराम मंदिर ही है। संघ प्रमुख मोहन भागवत पहले ही जल्द मंदिर निर्माण की वकालत कर चुके है। बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राम लाल, महा सचिव राम माघव भी हिस्सा लांगे।