उत्तर प्रदेश,वाराणसी: पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नामांकन करने पहुंचे अर्थी बाबा की कहानी बेहद दिलचस्प है। लोकसभा चुनाव 2019 में वाराणसी संसदीय सीट से नामांकन करने के बाद अर्थी पर ही बैठ कर चुनाव प्रचार करने का ऐलान कर दिया है। हरिश्चन्द्र घाट स्थित श्मशान घाट पर अपना चुनावी कार्यालय खोलेंगे और जिले भर में जाकर मतदाताओं को अपनी कहानी सुनायेंगे।
गोरखपुर निवासी राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा पहले भी कई चुनाव लड़ चुके हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय से वर्ष 2008 में एमबीए पास राजन यादव सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार से बेहद दुखी रहते हैं और देश की जनता का ध्यान भ्रष्टाचार पर केन्द्रीय करने के लिए अर्थी को ही अपना सबसे खास साथी बना लिया है।
वर्ष 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव लडऩे आये थे तो लोगों ने उनका नाम अर्थी बाबा रख दिया। अर्थी बाबा साफ कहते हैं कि वह चुनाव जीतने के लिए चुनाव नहीं लड़ते हैं। सिस्टम में कितनी खामियां है। राजनीतिक भ्रष्टाचार के चलते लोगों को आधारभूत सुविधा तक नहीं मिलती है इसलिए वह बड़ी सीटों से चुनाव लड़ कर लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त समाज करने का संदेश देना चाहते हैं। राजन यादव कहते हैं जब पहली बार अर्थी पर बैठा तो उस समय चार दोस्तों ने कंथा दिया था और यही से जो कहानी शुरू हुई है वह आज भी जारी है।
पहले अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लडऩे का किया था ऐलान
लोकसभा चुनाव 2019 में अखिलेश यादव ने आजमगढ़ सीट से चुनाव लडऩे का ऐलान किया था इसके बाद अर्थी बाबा ने भी आजमगढ़ जाकर चुनाव लडऩे की बात कही थी। उस समय कहा था कि सेनेटरी पैड पहन कर आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार करेंगे। सेनेटरी पैड के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वह ऐसा करेंगे। अर्थी बाबा ने कहा था कि आजमगढ़ से चुनाव लड़ते तो दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ से अधिक कड़ी टक्कर अखिलेश यादव को देते।
कई चुनाव में भाग्य आजमा चुके हैं अर्थी बाबा
अर्थी बाबा कई चुनावों में भाग्य आजमा चुके हैं। चार बार विधानसभा व तीन बार एमएलसी का चुनाव लड़ चुके हैं। दो बार लोकसभा चुनाव के लिए पर्चा दाखिल किया था लेकिन वह तकनीकी कारणों से निरस्त हो गया था। राष्ट्रपति चुनाव भी लडऩा चाहते थे लेकिन प्रस्तावक नहीं मिले थे। वाराणसी सीट से इस बार नामांकन पत्र दाखिल किया है। नामांकन पत्र वैध हो जाने के बाद वह पीएम नरेन्द्र मोदी को चुनौती देने को तैयार हैं।
………सरफ़राज़ अहमद