वैज्ञानिकों ने मुश्किल से पार पाने की दिशा की ओर बढ़ाया कदम

किसी भी तरह का संक्रमण होने पर डॉक्टर एंटीबायोटिक दवा दे देते हैं। जांच में तीन से पांच दिन का वक्त लगता है, इसलिए सैंपल भेजने के बाद रिपोर्ट का इंतजार भी मरीज को अक्सर एंटीबायोटिक खाते हुए करना पड़ता है। ऐसे में अगर संक्रमण का कारण बैक्टीरिया ना हो, तो मरीज ओवर प्रेस्क्रिप्शन का शिकार हो जाता है।

बिना कारण एंटीबायोटिक का सेवन शरीर को नुकसान पहुंचाता है। अब वैज्ञानिकों ने इस मुश्किल से पार पाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। ऐसी डिवाइस विकसित की गई है जिसकी मदद से कुछ ही मिनट में यह पता लग सकेगा कि संक्रमण का कारण बैक्टीरिया है या नहीं?

 

अमेरिका की पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस डिवाइस को विकसित किया है। इसके बारे में प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन से जुड़े प्रोफेसर पाक किन वोंग ने कहा, ‘अभी अक्सर हम मरीज को एंटीबायोटिक दे देते हैं, जबकि कोई बैक्टीरिया होता ही नहीं है। इसे ओवर प्रेस्क्रिप्शन कहा जाता है। हम लंबे समय से इस दिशा में प्रयास कर रहे थे कि क्या ऐसा संभव है कि कुछ ही मिनट में यह पता चल जाए कि संक्रमण का कारण बैक्टीरिया है या नहीं?’

इस डिवाइस की मदद से मुश्किल आधे घंटे में यह पता लग सकेगा कि सैंपल में बैक्टीरिया है या नहीं। इससे यह तय करना आसान होगा कि मरीज को किस दवा की जरूरत है। अभी इस तरह की जांच में तीन से पांच दिन का वक्त लग जाता है। प्रोफेसर वोंग ने बताया कि उनकी टीम ने इस डिवाइस के लिए पेटेंट का दावा किया है। आने वाले दिनों में इस डिवाइस को ऐसा बनाया जाएगा कि आसानी से अस्पतालों में इसका प्रयोग किया जा सके। उन्होंने अगले तीन साल में इस डिवाइस को बाजार में उतारने की उम्मीद जताई है।

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