‘मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊंगा कूच से क्यों डरूं…
‘हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा,
काल के कपाल पर लिखता हूं,
मिटाता हूं, मैं गीत नया गाता हूं…।
जीजिविषा और संघर्ष की दास्तां अपने में समेटे हुई जैसी रचनाएं न केवल जीवन संदेश देती हैं बल्कि उस शख्स के कृतित्व व व्यक्तित्व को भी परिभाषित करती हैं, जिसने देश को एक नया आयाम दिया। उनका यही कृतित्व और व्यक्तित्व अब देश भर के छात्र पढ़ेंगे और उस पर शोध करेंगे।
देश के सबसे पसंदीदा नेताओं में शुमार रहे पूर्व PM Atal Bihari Vajpayee की स्मृतियां सहेजने का काम शुरू हो गया है। 16 August 2018 को दुनिया से विदा लेने से पूर्व अपने व्यक्तित्व-कृतित्व की अमिट छाप छोडऩे वाले अटल जी की स्मृतियां सहेजने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार शहर के DAV College में 5 करोड़ रुपये से Center For Excellence बना रही है। इस सेंटर में ‘अटल स्मृति शोध केंद्र’ बनेगा, जिसमें देशभर का ‘अटल साहित्य’ मौजूद होगा। इसे जुटाने का काम शुरू हो गया है। कॉलेज प्रशासन ने संसद व विधानसभा में अटल जी से संबंधित सभी साहित्य वहां आर्काइव से मंगवाया है।
अटल स्मृति शोध केंद्र में 26.56 लाख रुपये से Multimedia व साहित्य एवं पुस्तकालय सेक्शन बनेगा। Multimedia Section में Monitors, Sound System, LED Projector, Audio- Video Player और VCR भी होगा। VCR इसलिए, ताकि पूर्व PM से जुड़ा पुराना कैसेट मिले तो उसे भी देखा और दिखाया जा सके। अटल जी के जीवन से जुड़ी वीडियो फुटेज इस सेंटर का हिस्सा होंगी। लिट्रेचर एंड लाइब्रेरी सेक्शन में 1000 पुस्तकें होंगी। इसकी सूची तैयार की जा रही है। ये सभी पुस्तकें पूर्व पीएम से जुड़ी होंगी।