ATM में फंस रही रकम तो उठाए ये कदम, जानिए पूरी खबर

Bank को ग्राहक मित्र बनाने के लिए ढेरों कदम उठाने वाला RBI खुद ग्राहक अधिकार की चिंता नहीं कर रहा। देश में हर साल ATM से निकासी के दौरान रकम फंसने के मामले तेजी से बढ़े हैं और RBI का लोकपाल कार्यालय ऐसे मामलों में दिए गए आदेश की प्रति ग्राहकों से छिपा रहा है। जबकि इससे घटना के कारण का पता चलता।

बीते साल बैंकिंग लोकपाल को मिली कुल शिकायतों में नौ फीसद ATM में रकम फंसने की रहीं। इनके निस्तारण में प्रति शिकायत औसतन 3504 रुपये खर्च किए, फिर भी खाताधारकों को आदेश की प्रति नहीं दी। RTI के जरिये मांगने पर RBI के बैंकिंग लोकपाल Kanpur ने गलत नियम का हवाला देकर आदेश की प्रति देने से मना कर दिया।

RTI कार्यकर्ता देवेंद्र सिंह ने RBI Kanpur से 1 May 2019 को जनसूचना के तहत इन मामलों में हुए आदेश की प्रति मांगी। वह सुनवाई में खाताधारक के प्रतिनिधि थे। RBI ने इसे लोकपाल कार्यालय भेजा। लोकपाल और जनसूचना अधिकारी पीके नायक ने 10 June को दिए जवाब में Third Party Information बताकर आर्डर की कॉपी देने से मना कर दिया और RTI एक्ट की धारा 8(1)(जे) के तहत देय नहीं है।

देवेंद्र ने कहा RBI ने गलत जानकारी दी है Third Party Information की परिभाषा RTI Act 8(1)(जे) के बजाय धारा 11 में है। यह नियम तब लागू होता है, जब मांगी गई सूचना अन्य अथॉरिटी ने दी हो और देते समय इसे गोपनीय बताया हो। खाताधारक के लिए आदेश बैंकिंग लोकपाल ने दिया है। ऐसे में वह, खाताधारक या उनके प्रतिनिधि Third party की श्रेणी में नहीं आते हैं। वहीं, बैंकिंग लोकपाल की धारा 12(7) के तहत आदेश की प्रति बैंक और शिकायतकर्ता को देने का प्रावधान है।

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