सरकारी बैंकों को बजट में मिल सकती है 30,000 करोड़ की मदद

आगामी 5 July को वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman PM Narendra Modi के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5  पेश करने जा रही हैं। पूरी संभावना जताई जा रही है कि इस बजट में Modi सरकार Banking Sector के लिए कईं सुधारवादी नीतियां लेकर आएगी।

चालू वित्त वर्ष में न्यूनतम नियामकीय जरूरतें पूरी करने के लिए सरकार बजट में चुनिंदा सरकारी बैंकों के लिए कुल 30,000 करोड़ रुपये का प्रावधान कर सकती है। वित्त मंत्रालय सरकारी बैंकों की पूंजीगत जरूरतों का आकलन कर रहा है। यह बजट ऐसे समय में पेश होने जा रहा है, जब आर्थिक विकास की दर 5 वर्षो के निचले स्तर पर है।

Bank को विभिन्न Sectors को कर्ज देने के लिए भी पूंजी की जरूरत है। जो 5 Bank प्रांप्ट करेक्टिव एक्शन के दायरे में हैं, उन्हें भी बासेल-3 नियमों के पालन के लिए न्यूनतम पूंजीगत स्तर बरकरार रखना है। इसके अलावा सरकारी क्षेत्र के  Punjab national Bank में 3-4 छोटे बैंकों के विलय का भी प्रस्ताव है, जिसके लिए सरकार को अतिरिक्त पूंजी निवेश करनी होगा।

पिछले वर्ष सरकार Bank Of Baroda में Dean Bank और Vijaya Bank का विलय कर चुकी है। Bank of Baroda का पूंजी आधार बढ़ाने के लिए सरकार ने उसमें 5,042 करोड़ रुपये का निवेश किया। पिछले वित्त वर्ष  में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सरकार ने रिकॉर्ड 1.06 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी। इस मदद के चलते ही Bank Of India, Oriental Bank  OF Commerce,  Bank Of Maharashtra, Allahabad Bank And Corporation Bank PCA के दायरे से बाहर आने में सफल रहे।

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