आठ साल पूर्व करोड़ों की ठगी कर शहर से फरार हुए नटवरलाल ओम जायसवाल उर्फ राजन अहलूवालिया की आज कोर्ट में पेशी होगी। सीकर पुलिस गुरुवार को उसे राजस्थान की जेल से लेकर कानपुर के लिए चल दी है। यहां पहुंचने के बाद पुलिस उसकी चल, अचल संपत्तियों का ब्योरा खंगालेगी, ताकि पीड़ितों को राहत मिल सके। साथ ही उनके दो अन्य साथियों की भी तलाश की जा रही है।
ओम जायसवाल के खिलाफ पहला मुकदमा वर्ष 2010 में अधिवक्ता अजय निगम ने किदवईनगर थाने में लिखवाया था। इसके बाद फीलखाना, कोतवाली, नौबस्ता, घाटमपुर में भी मुकदमे लिखे गए। सभी मामलों में उसके खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी के आरोप हैं।
पुलिस उन मामलों में काफी पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, लेकिन आरोपित गिरफ्तार नहीं हो सका था। दो माह पूर्व अधिवक्ता ने ही आखिरकार उसे ढूंढ निकाला। वह राजस्थान की जेल में धोखाधड़ी के मामले में बंद मिला। तब पुलिस ने उसे बी वारंट पर शहर लाने की कवायद शुरू की। किदवईनगर पुलिस की ओर से लगाए गए बी वारंट पर शुक्रवार को उसकी कानपुर कोर्ट में दो मामलों में पेशी होनी है।
किदवईनगर इंस्पेक्टर कुंज बिहारी मिश्रा ने बताया कि आरोपित के खिलाफ दर्ज मुकदमों की केस डायरी पढ़ ली गई है। उससे कई बिंदुओं पर पूछताछ की जानी है। उसकी संपत्तियों का भी पता लगाया जाएगा। पुलिस के मुताबिक आरोपित की संपत्तियां पंजाब, हरियाणा और मुंबई में हैं। सोनीपत में उसने एक मॉल बनवाया था।
वहीं पंजाब के लुधियाना में अपनी बहन के जरिए भी वहां पर कई संपत्तियां खरीदीं। मुंबई में उसने अपने एक रिश्तेदार के जरिए एक कंपनी भी खोली है। शहर में फर्जी कंपनियां खोलकर धोखाधड़ी से ओम जायसवाल ने जो पैसा लोगों से ठगा था। वह किदवईनगर में खरीदे गए एक होटल के मैनेजर के माध्यम से पंजाब व हरियाणा पहुंचाता था और वहां पर रिश्तेदारों के जरिये संपत्ति खरीदता था। पुलिस को हरजीत सिंह की भी तलाश है।