उपमंडल बाजार के बयोठ मोड़ पर हुए दर्दनाक बस हादसे की सूचना मिलते ही हर कोई घटनास्थल की ओर दौड़ पड़ा। कोई रस्सी तो कोई चादर और डंडो से स्ट्रेचर बनाकर घायलों को बाहर निकाला। कुछ लोगों ने घायलों को पीठ पर उठा लिया और सड़क तक पहुंचाया। घटनास्थल पर पानी से भरे नाले को पार करने के लिए लोगों ने चेन बनाई। इसी बीच कारोबारी भी दुकानें बंद कर घटनास्थल पर पहुंच गए। देवदूत बनकर मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने कई घायलों की जान बचाई।
उधर, बस हादसे की सूचना Social Media पर Viral हो गई। सूचना पाकर आसपास गांवों के अलावा छेत, भूमार, शेलीगाड़,जिभी, घियागी आदि के लोग भी मदद को पहुंच गए। राहत और बचाव कार्य के लिए महिलाएं, विघार्थी और बुजुर्ग तक पहुंच गए। ग्रामीणों ने शवों को निकालने में भी मदद की। उधर, बस खाई में गिरने से बंजार घाटी चीख पुकार से गूंज उठी। हर कोई सहम उठा। झाड़ियों के बीच फंसी लाशें और घायल खून से लथपथ पड़े हुए थे।
हादसे की खबर सुनने के बाद गाड़ागुशैणी के कुल्लू तक मातम छा गया है। कुल्लू व मनाली क्षेत्र से कई लोग अपनों का हाल जानने के लिए बंजार के घटनास्थल पर पहुंचे। अपनों का हाल देखकर परिजनों के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। रोजाना की तरह वीरवार को कुल्लू से गाड़ागुशैणी की तरह निजी बस में बैठे यात्रियों को क्या पता था कि यह यात्रा उनकी जिदंगी की आखिरी यात्रा साबित होने वाली है। बस भियोठ मोड़ से अचानक सीधे 500 फीट नीचे गड्ढे में जाकर ही रूकी।