गरीबों को रियायती बिजली देने के मुद्दे पर पावर कॉर्पोरेशन ने BJP के घोषणा पत्र को ठेंगा दिखा दिया। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में गरीबों को पहले 100 यूनिट तक तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देने का वादा किया था। इसकी अनदेखी करते हुए कार्पोरेशन ने रियायती बिजली 50 यूनिट तक सीमित करने का प्रस्ताव कर दिया है। राज्य विघुत उपभोक्ता परिषद ने इस पर राज्य सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए दरों में कमी के लिए लड़ाई जारी रखने का एलान किया हैं।
परिषद के अध्यक्ष अवधेष कुमार वर्मा का कहना कि भाजपा ने अपने 2017 के लोक कल्याण संकल्प पत्र में कहा था कि गरीब घरों को बिजली की पहली 100 यूनिट 3 रुपये प्रति यूनिट की रियायती दर पर दी जाएगी। कॉर्पोरेशन ने मनमाना रवैया अपनाते हुए 2019-20 के टैरिफ प्रस्ताव में गरीबों के लिए 1 किलोवाट व 100 यूनिट के मानक को कम कर घरेलू बीपीएल के लिए 1 किलावाट और 50 यूनिट प्रस्तावित की हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने क बाद जारी टैरिफ आर्डर में 1 किलोवाट व 100 यूनिट तक की दर वर्तमान में भी लागू हैं। अब यह प्रबंधन ने इसे कम कर 50 यूनिट तक प्रस्तावित कर दिया है।
वर्मा का कहना है कि शहरीं क्षेत्रों में पानी भी बिना वॉटर पंप के नहीं मिलता। ऐसे में गरीब 50 यूनिट में अपना गुजारा कैसे करेंगे। अभी जो गरीब उपभोक्ता 1 किलोवाट व 100 यूनिट पर प्रतिमाह 350 रुपये दे रहे हैं उन्हें नई प्रस्तावित दरें लागू होने पर 730 रुपये देना पड़ेगा। किसी हाल में वृद्धि नहीं होने दी जाएगी। भले ही आंदोलन करना पड़े। यही नहीं परिषद अब उपभोक्ताओं को 11,8501 करोड़ रुपये के रेगुलेटरी एसेट का लाभ दिलाने के लिए भी लड़ाई लड़ेगा।