Delhi-NCR समेत उत्तर भारत के कई राज्यों को भीषण गर्मी के बीच इस बार मानसून का इंतजार थोड़ा और बढ़ सकता है। दरअसल, दिल्ली में इस बार मानसून आने में एक हफ्ते की देरी हो सकती है। बताया जा रहा है कि ऐसा पिछले एक दशक के दौरान पहली बार होगा, जब मानसून इतना देरी से दिल्ली में पहुंचेगा।
भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक, दिल्ली वासियों को मानसून के स्वागत के लिए अब जुलाई के दूसरे सप्ताह तक इंतजार करना पड़ेगा। पहले उम्मीद की जा रही थी कि मानसून दिल्ली तक जुलाई के पहले सप्ताह तक पहुंच जाएगा।
मानसून में देरी ही चिंता की खबर नहीं है, दिल्ली में मानसून से पहले होने वाली बारिश भी इस साल पिछले नौ सालों के दौरान सबसे कम दर्ज की गई है। पहले से ही पानी की कमी से जूझ रही दिल्ली के लिए मानसून में कमी से जल संकट पैदा हो सकता है।
स्काइमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि चक्रवाती वायु तूफान की वजह से मानसून की रफ्तार धीमी को गई है। साथ ही मानसून पर अल नीनो का असर भी हो सकता है। अल नीनो के असर की वजह से ही मानसून से पहले होने वाली बारिश में कमी आई है और जुलाई, अगस्त और सितंबर में भी इससे मानसून प्रभावित हो सकता है। दिल्ली के साथ ही हरियाणा, पंजाब उत्तराखंड, हिमाचल और कश्मीर में भी मानसून देर से पहुंचेगा।
अभी तक मौसम विभाग दावा कर रहा था कि मानसून दो-तीन दिन ही देर से चल रहा है। भारत में दक्षिण पश्चिमी मानसून को ही मानसून सीजन कहा जाता है। ऐसे में जून से सितंबर तक 70 फीसद बारिश इन्हीं महीनों के दौरान होती है। देश में अल नीनो की वजह से सूखे का खतरा सबसे ज्यादा रहता है और इस बार भी इसकी आशंका प्रबल होती जा रहा है।