पाकिस्तान में अब लाइब्रेरी से जगी है उम्मीद

दर्रा आदम खेल- पाकिस्तान  इस कबीलाई जिले की पहचान विश्व के कुछ सबसे बड़े हथियार बाजार के तौर पर है। इस्लामाबाद से 85 मील पश्चिम में मौजूद इस इलाके में किराना स्टोर की तरह आपको बंदूकों और गोला-बारूद की दुकानें दिख जाएंगी।

इस Market में घूमते वक्त आपको एहसास होगा कि भारत में जिस तरह मंडी में फल व सब्जी बेची जाती है, वैसे ही Pakistan की इस Market में एके-47 समेत अन्य घातक बंदूकें और बम आदि खुलेआम बिकते हैं।

एक स्थानीय Book Lover और लाइब्रेरी चलाने वाले राज मुहम्मद को उम्मीद है कि एक दिन दर्रा आदम खेल की पहचान हथियारों के बड़े बाजार की जगह पुस्तकालय के तौर पर होगी। उनके पिता ने यहां एक बंदूक की दुकान के बगल में 12 वर्ष पहले एक पुस्तकालय खोला था।

अगस्त 2018 में राज मुहम्मद ने इस पुस्तकालय को दोबारा आम लोगों के लिए खोला है। ये लाइब्रेरी प्यार का प्रतीक होने के साथ-साथ क्षेत्र और दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश भी है। उनका कहना है, ‘मैं किताबों को गन मार्केट के ऊपर रखता हूं। किताबें बंदूकों से श्रेष्ठ है। ये शांति की तरफ बढ़ाए गए एक कदम के तौर पर है।’

32 वर्षीय मुहम्मद ने पेशावर University से उर्दू लिटरेचर्स में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। पाकिस्तान वापस लौटने से पहले तक वह दुबई की एक पर्यटन कंपनी में काम करते थे। उन्होंने बताया कि पिता के व्यवसाय में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। लिहाजा उन्होंने पुस्तकाल को दोबारा खोलने का निर्णय लिया, ताकि स्थानीय लोगों तक किताबों और शिक्षा की पहुंच को आसान बनाया जा सके।

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