लखनऊ: गीता परिवार की ओर से चल रहे सात दिवसीय अर्जुन भव संस्कार पथ शिविर का शनिवार को समापन हुआ। इस मौके पर प्रतियोगिता के विजयी बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
कल्याणकारी आश्रम श्रीदुर्गा मंदिर शास्त्रीनगर लखनऊ में महाभारत के पात्रों के नाम में अध्ययन गुप्ता, रामायण के पात्रों के नाम में विष्णु यादव, सर्वश्रेष्ठ ध्यान में नित्या गुप्ता, श्रीमद्भगवद् गीता श्लोक स्पर्धा में श्रीओम गुप्ता, पशु आवाज स्पर्धा में विष्णु यादव, आदर्श शिविरार्थी में भविष्य, रंगायन स्पर्धा में उत्कर्ष प्रजापति, रचनात्मक कार्यशाला में वैष्णवी कश्यप, संस्कार पुस्तिका स्पर्धा में अंशिका प्रजापति ने बाजी मारी।
इस अवसर पर सोनी चैनल पर प्रसारित होने वाला धारावाहिक सीआईडी में निखिल नाम जाने वाले कलाकार अभय शुक्ला, पूर्व आईएएस गजराज सिंह, गीता परिवार के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. आशु गोयल, कमल ज्योति पत्रिका के संपादक राजकुमार एवं गणमान्य लोग मौजूद थे।
पीयूष जयसवाल ने बताया कि समापन अवसर पर मुख्य अतिथियों के समक्ष के संस्कार निर्देशन में लाठी-काठी, रिया यादव के निर्देशन में जिम्नास्टिक, आस्था डावर के निर्देशन में बच्चों ने आत्मरक्षा के तरीकों, नेहा मिश्रा के निर्देशन में म्यूजिकल योगा, यशी के निर्देशन में नृत्य, ज्योति शुक्ला के निर्देशन में गीता के श्लोकों, रूपल शुक्ला के निर्देशन में ध्यान, कविता वर्मा के निर्देशन में संस्कारी बच्चों ने गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी।
मुख्य अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। गीता परिवार का परिचय एवं समापन का संचालन शिवेन्द्र मिश्रा किया। इस मौके पर डा. आशु गोयल ने बच्चां को अर्जुन के 26 दैवीय गुणों में से स्वाध्याय, तप, आर्जवम् के बारे में विस्तारपूर्ण बच्चों को बताया। स्वाध्याय में बच्चों को महापुरुषों के जीवन परिचय को पढ़ना व सुनना चाहिए।
राष्ट्रपति अब्दुल कलाम मुस्लिम होते भी गीता का अध्ययन करते थे। उन्होंने अपनी सम्पत्ति दान में दे दिया। बच्चों को अच्छी पुस्तक, देखना, सुनना, पढ़ना साथ ही जो प्रामणिक होनी चाहिए। तप के अंतर्गत कहा कि हम सभी को भूख, सर्दी, गर्मी, अनुकूलता, प्रतिकूलता के परिस्थितियों में रहना चाहिए। जीवन में तप करना चाहिए सहनाशीलता की आदत होनी चाहिए तभी आपका जीवन महान, मजबूत होगा।
आर्जवम के बारे बताया कि हमारे पास जो कुछ भी है उसी में सादगी से रहना चाहिए बिना जरूरत के चीजों को नहीं खरीदना चाहिए। हमें महापुरुषों के आदर्शो पर चलना चाहिए तभी हम सभी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते है।