लेखिका नूर जहीर ने कहा कि Triple Talaq पर रोक की प्रक्रिया में अब मुस्लिम मर्दों को बिज्जत करने की कोशिश हो रही है। Triple Talaq रोक के कानून में सजा के डर से मुस्लिम मर्द बिना तलाक दिए ही दूसरी शादी कर लेगा। Triple Talaq के विरोध में कोर्ट में याचिका दायर करने वाले करीब 8000-9000 मुस्लिम महिलाओं के साथ 4000 मुस्लिम मर्द भी शामिल थे।
Talaq के लिए संवैधानिक प्रक्रिया तय की जानी चाहिए। Civil Lines स्थित मर्चेंट चैंबर के सभागार में त्रैमासिक पत्रिका अकार के तत्वावधान में रविवार को मेरा समय विषय पर संगोष्ठी और संवाद कार्यक्रम में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर आनंद कुमार ने भी विचार रखे।
दोनों वक्ताओं ने सीधा संवाद किया। डिनायड बाय अल्लाह नामक किताब की लेखिका जहीर ने हाशिए पर जाते हुए लोगों के प्रति चिंतन एंव उनके समर्थन के लिए चेतनाओं को प्रभारी बनाए जाने पर जोर दिया।
वरिष्ठ लेखक, विचारक व कार्यक्रम के अध्यक्ष पदमश्री डॉ.गिरिराज किशोर ने कहा कि सोचना यह है कि क्या सरकार की ओर से हमें यह आजादी है कि हम अपने समय को पहचानें। आज के माहौल में तमाम मुद्दों पर जो भ्रम लोगों के बीच फैलाया जा रहा है, वह बहुत दुखद है। मेरे समय में शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण की चुनौतियां सबसे अहम है।
संचालन खान अहमद फारूक ने किया। स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन अनीता मिश्रा ने किया। दिल्ली से आए कवि एवं समीक्षक अविनाश मिश्रा, व नवाब हुसैन का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। कार्यक्रम में आलोचक, समीक्षक, कहानीकार, उपन्यासकार, ललित कलाओं से जुड़े लोगों ने भागीदारी की।