चित्रकूट एक्सप्रेस की एसी फस्ट में शुक्रवार को यात्री हैरी Lucknow Junction से जबलपुर के लिए सवार हुए। एसी फस्र्ट में अटेंडेंट ने उनको जो बेडरोल दिया। वह बहुत गंदा निकला। यह बेडरोल Lucknow Junction पर ही बनी मैकेनाइज्ड लांड्री से साफ होकर निकले थे। कुछ इसी तरह साबरमती एक्सप्रेस से Lucknow से झांसी जा रहे प्रेम सिंह धूमन को एसी सेकेंड बोगी में बेडरोल मिला तो उसकी तकिया का कवर गंदा था।
खाकी लिफाफे में रखी दोनों चादरें भी इस्तेमाल की हुईं थी। Railway के मैकेनिज्म और दावों को चुनौती दे रहे यह वह मामले हैं। जो सोशल मीडिया के जरिए Railway के कंट्रोल रूम को हासिल हुए हैं। TTI के पास मिलने वाली शिकायत पुस्तिका में ऐसी शिकायतों का जिक्र तक नहीं हो रहा है।
Railway में पिछले 6 महीनों में आयी शिकायतों में से सबसे अधिक मामले गंदे बेडरोल के सामने आए हैं। ऐसा तब है जब उत्तर और पूर्वोत्तर Railway Lucknow मंडल की बेडरोल को साफ करने के लिए मैकेनाइज्ड लांड्री चारबाग में ही बनी हुई हैं।
उत्तर व पूर्वोत्तर Railway Lucknow मंडल की छह महीनें में आयी 3700 शिकायतों में से 1369 शिकायतें गंदे बेडरोल, बेडरोल न देने और उसके नाम पर वसूली करने की आयी हैं। पिछले दिनों ही जम्मूतवी वाराणसी बेगमपुरा एक्सप्रेस में बी-2 में नौ व 12 पर कुंवर श्रीवास्तव सवार हुए।