कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन के दौरान भारतीय रेलवे के किसी अनुबंधित कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी और न ही उसका वेतन काटा जाएगा।
भारतीय रेलवे ने अपने सभी ठेकेदारों को यह सुनिश्चित करने को कहा है। इसके लिए अनुबंधित सेवाएं देने वाले ठेकेदारों को अनुबंध राशि का 70 फीसद तक भुगतान किए जाने का फैसला किया गया है। इससे लगभग 50 हजार अनुबंधित कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
रेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण 22 मार्च की रात से ट्रेन सेवाएं बंद हैं। इससे अनुबंधित कर्मचारियों के लिए रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो सकती है। इसे देखते हुए रेलवे ने अनुबंधित सेवाएं देने वाले सभी ठेकेदारों से अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन देने तथा किसी की भी छंटनी न करने के निर्देश दिए हैं।
ऐसा करने में ठेकेदारों को कोई नुकसान न हो इसके लिए उन्हें अनुबंध राशि का 70 फीसद तक भुगतान किया जाएगा लॉकडाउन के दौरान ठेकेदारों को किसी भी प्रकार की सेवाएं नहीं देनी पड़ेंगी, लिहाजा सामग्री पर कोई खर्च नहीं होगा। उन्हें केवल कर्मियों के वेतन का खर्च वहन करना होगा। लिहाजा 70 फीसद भुगतान से उनके खर्च और लाभ दोनों निकल आएंगे।
भारतीय रेलवे ने अपनी कई सेवाओं को अनुबंध पर दे रखा है। इनमें ऑन बोर्ड हाउस की¨पग, ट्रेनों में एसी, स्टेशनों एवं ट्रेनों में क्लीनिंग तथा पैंट्री सेवाएं शामिल हैं। रेलवे के इस फैसले का लाभ ठेकेदारों की तरफ से रखे गए 50 हजार अनुबंधकर्मियों को मिलेगा।
भारतीय रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसे क्लीनिंग कांट्रैक्ट का उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया कि प्रत्येक क्लीनिंग कांट्रैक्ट में 2 कंपोनेंट होते हैं एक सामग्री और दूसरा श्रमिक। क्लीनिंग कांट्रैक्ट में प्रमुख कंपोनेंट श्रमिक हैं, जिन्हें पूरा वेतन दिया जाना है।